ऑफिस और फैक्ट्रियों के लिए श्री गणेश मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त- Shri Ganesh muhurat

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कल 31 अगस्त बुधवार को गणेश चतुर्थी पर हर घर और मोहल्ले में भगवान गणेशजी की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। विघ्नहर्ता की पूजा और स्थापना के लिए दिनभर कुल 6 मुहूर्त रहेंगे। जिनमें सुबह 11ः20 बजे से दोपहर 1रू20 बजे तक का समय सर्वोत्तम रहेगा। क्योंकि इस वक्त मध्यकाल होगा और इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

गणेश चर्तुथी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ ही बुधवार से 10 दिवसीय गणेश महोत्सव शुरू हो जाएगा जो अनंत चौदस तक चलेगा। इस दिन कस्टम गेट पर दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग शिवपुरी पहुंचते हैं। पिछले दो वर्षों से गणेश उत्सव और कस्टम गेट पर होने वाला यह मुख्य आयोजन कोरोना के चलते बंद था। लेकिन इस बार लोगों में गणेश उत्सव को लेकर काफी उत्साह है और इसी उत्साह के कारण इस वर्ष गणेश महोत्सव की धूम मची हुई है।

शहर की हर गली मोहल्ले और चौराहों पर भगवान गणेश के बड़े-बड़े पंडाल स्थापित किए गए हैं। जिनमें कल भगवान गणेश की सुंदर और आकर्षक प्रतिमा स्थापित की जाएंगी। कई स्थानों पर झांकियां भी लगाई जाती हैं। जिन्हें देखने के लिए शहर वासी रात्रि के समय अपने परिवार के साथ घरों से बाहर निकलकर बाहर आते हैं।

इतनी सारी चीजों से पूजन न कर पाएं तो इसके लिए छोटी पूजा विधि

चौकी पर स्वस्तिक बनाकर एक चुटकी चावल रखें, उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें, इतना भी न हो पाए तो श्रद्धा से सिर्फ मोदक और दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान की कृपा मिलती है। पूरे गणेशोत्सव में हर दिन गणपति के सिर्फ तीन मंत्र का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। सुबह नहाने के बाद गणेशजी के मंत्रों को पढ़कर प्रणाम कर के ऑफिस-दुकान या किसी भी काम के लिए निकलना चाहिए।

गणपति पूजा से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें

गणेश जी की मूर्ति पर तुलसी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए, दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी रहती है, गणपति के पसंदीदा फूल- जाती, मल्लिका, कनेर, कमल, चम्पा, मौलश्री (बकुल), गेंदा, गुलाब, गणपति के पसंदीदा पत्ते-शमी, दूर्वा, धतूरा, कनेर, केला, बेर, मदार और बिल्व पत्र, पूजा में नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें, चमड़े की चीजें बाहर रखकर पूजा करें और भगवान को अकेले कभी न छोड़ें। स्थापना के बाद मूर्ति को इधर-उधर न रखें, यानी हिलाएं नहीं।

5 राजयोग और दुर्लभ ग्रहों का होगा दुर्लभ संयोग

इस बार गणेश चतुर्थी पर पांच राज योग और 300 सालों बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। वहीं, पूरे उत्सव के 10 दिनों के दौरान खरीदारी के 7 शुभ मुहूर्त भी रहेंगे। जिसमें आप इन्वेस्टमेंट से लेकर व्हीकल खरीदी तक कई शुभ काम कर सकेंगे।

दुकान, ऑफिस और फैक्ट्रियों में किसी रूप में करें बप्पा की स्थापना

भगवान गणेश के कई रूप हैं और उनका हर एक रूप अलग-अलग फल देता है। गणेश चर्तुथी पर भगवान गणेश के किस रूप की स्थापना कहां करनी चाहिए। जिससे भगवान गणेश का आर्शीवाद और सुख फल हमको मिले। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार घर में सिद्धी विनायक रूप में भगवान की स्थापना करना शुभ माना गया है। वहीं ऑफिस और दुकानों के लिए विघ्रेश्वर गणेश की स्थापना किया जाना चाहिए। वहीं कारखानों में महागणपति की स्थापना करना शुभ माना गया है।