शिवपुरी। शहर के वरिष्ठ अभिभाषक विजय तिवारी के द्वारा एक बार फिर से जनोपयोगी लोक हित में फोरलेन निर्माण में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए संबंधित विभाग के परियोजना निदेशक नई दिल्ली को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की गई है।
अपने इस पत्र में एडण्विजय तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय वर्षा ऋतु का है और राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं 46 ग्वालियर.शिवपुरी खण्ड के माधव नेशनल पार्क से गुजरने वाले 6ण्5 किमी लंबे भाग पर निर्मात्री कंपनी आर.सी. इन्फ्रा प्रोजेक्टस प्रा.लि. के द्वारा 7 मीटर चौड़ाई का कोई वैकल्पिक मार्ग तैयार नहीं किया गया है उक्त 6ण्5 किमी लंबाई में से 500 मीटर की लंबाई पर ही डामर रोड़ निर्मित है शेष लगभग 6 किमी लंबाई के मार्ग पर भारी गड्ढे एवं मिट्टी का जमाव होने से भारी मात्रा में कीचड़ सड़क पर जमा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 46 जिसे आमतौर पर आगरा.मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम से जाना जाता है यह एक भारी यातायात वाला मार्ग है
उक्त मार्ग पर से प्रतिदिन 18 से 20 हजार वाहन गुजरते है किंतु उक्त वाहनों को 6ण्5किमी का संपूर्ण मार्ग गड्ढे वाला कीचड़युक्त मार्ग है तथा सड़क निर्माणाधीन होने के कारण यातायात हेतु सिंगल रोड़ बचा है जिस कारण उक्त दूरी अत्यधिक कष्टदायक हो गई है। उल्लेखनीय है कि निर्मात्री कंपनी व एनएचएआई के अनुबंध अनुसार सड़क को मोटरेबल बनाए रखने का दायित्व निर्मात्री कंपनी का है
किन्तु पैसों की बचत करने के उद्देश्य से उक्त निर्माण कंपनी द्वारा उक्त 6ण्5 किमी की सड़क पर कोई सुधार कार्य नहीं किया जा रहा है। साथ ही एडवोकेट विजय तिवारी ने नाराजगी प्रकट की कि ग्वालियर.शिवपुरी के बीच बनाई गई फोरलेन में गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जिसका परिणाम है कि वर्तमान में ग्वालियर.शिवपुरी जिलों में औसत से आधी वर्षा भी नहीं हुई है और इसके पश्चात भी ग्वालियर.शिवपुरी के मध्य स्थित गाराघाट रेस्ट हाउस के पास अमर नदी पर फोरलेन पर बने पुल के नीचे से एक हिस्सा बह गया है
जिस कारण उक्त अमर नदी वाले पुल पर एक ओर से यातायात बंद कर दिया गया हैए पांच वर्षों के अंदर फोरलेन पर बने पुल का दरकना अपने आप में उक्त सड़क की गुणवत्ता सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है। इस संबंध में लोकहित से जुड़े उक्त गंभीर विषय पर तत्काल कार्यवाही कर संबंधित निर्मात्री कंपनी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कर उक्त मार्ग के यातायात को सुगम बनाने का प्रयास करेंगे अन्यथा की दशा में विवश होकर संबंधित के विरूद्ध न्यायालयीन कार्यवाही करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा।