शिवपुरी। शिवपुरी निवासी घनश्याम सिंह यादव ने बड़ी मेहनत से अपनी गृहस्थी जमाई। तीन.तीन बेटों को पाला पोसा। मकान बनवाया, ट्रक लिया। लेकिन जब बुढ़ापा आया तो कलयुगी बेटों ने उनकी गाढ़े पसीने की कमाई पर कब्जा कर लिया और अपने पिता को दाने.दाने के लिए मोहताज कर दिया।
परेशान होकर पिता ने न्यायालय की शरण ली। जहां लोक अदालत में उनकी फरियादी सुनी गई और कुटुम्ब न्यायालय ने उनके पक्ष में भरण पोषण का अहम फैसला सुनाया। अब पुत्र अपने पिता को हर माह एक हजार रुपए बतौर भरण पोषण देंगे।
घनश्याम सिंह यादव ने अपने पुत्र राजवीर यादव, बैजनाथ यादव व धनपाल यादव के खिलाफ भरण पोषण का दावा एसडीएम न्यायालय में लगाया था। आज एसडीएम न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीनों पुत्र अब पिता को भरण पोषण के लिए एक हजार रुपये महीने देंगे।
घनश्याम सिंह यादव के पास एक ट्रक और एक मकान था उस पर भी उसके बेटों ने कब्जा कर लिया था। एसडीएम न्यायालय के फैसले में पुत्रों को ट्रक और मकान भी घनश्याम को सौंपने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है पिता को काफी समय से उसके तीनों पुत्रों द्वारा परेशान किया जा रहा था जब पुत्र नहीं माने तो पिता ने न्यायालय की शरण ली।
इस मामले को लोक अदालत के माध्यम से समझाया गया। लोक अदालत में दोनों पक्षों के बीच बैठकर मध्यस्थता करते हुए समझाइश दी गई। अब घनश्याम यादव के पुत्रों को अपने पिता को हर माह भरण पोषण के तौर पर हर माह एक हजार रुपए देने होंगे। इसके साथ ही पुश्तैनी मकान और ट्रक भी लौटाना होगा। पीड़ित पिता की ओर से एडवोकेट बैजनाथ सिंह कुशवाह ने पैरवी की थी।