शिवपुरी। सोशल मीडिया पर सिंधिया राजपरिवार और विशेष रूप से प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास के पति रामजी व्यास पर कोतवाली शिवपुरी में आपराधिक मामला कायम किया गया है। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विपुल जैमिनी और पुरानी शिवपुरी मंडल अध्यक्ष केपी परमार के आवेदन पर आरोपी रामजी व्यास के खिलाफ भादवि की धारा 153 और 505 का मामला कायम किया गया है।
फरियादी विपुल जैमिनी और केपी परमार ने कोतवाली पुलिस को आवेदन दिया कि फेसबुक पर शिवपुरी बचाओ नाम के ग्रुप पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी कर राजनीतिक व सामाजिक व्यक्तियों का चरित्र हनन किया जा रहा है और इससे सामाजिक और राजनीतिक वैमनस्यता फैल रही है। शांति भंग की आशंका है।
19 अगस्त 2022 को सिंधिया राजपरिवार के खिलाफ इस ग्रुप पर नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास द्वारा प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की। यशोधरा राजे सिंधिया से हमारी विशेष आस्थाएं जुडी हैं। ऐसी अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल की गई।
इससे सामाजिक और राजनीतिक वैमन्सयता और आपसी शंका का वातावरण पैदा हुआ है और शांति भंग की संभावना है। दोनों फरियादियों ने यह भी बताया कि आरोपी रामजी व्यास द्वारा टिप्पणी किए जाने के 10 मिनट के बाद उनके पुत्र ने फेसबुक पर लिखा कि उनके पिता की आईडी हैक कर ली गई है। यह सोचा समझा राजनीतिक षड्यंत्र है।
क्या कहती है भादवि की धारा 505
इस मामले में नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास पर भादवि की धारा 153 और 505 का मामला कायम किया गया है। भादवि की धारा 505 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ऐसा कोई कथन या जनश्रुति करता है, जिससे लोक शांति भंग होने की आशंका हो या वैमनस्यता का वातावरण उत्पन्न हो, तो उसे तीन वर्ष के कारावास से दंडित किया जाएगा।
कानून विशेषज्ञों के अनुसार यह धारा अजमानतीय है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अरनेश कुमार के प्रकरण में रूलिंग दी थी कि 7 साल से कम के अपराध में किसी भी आरोपी की सिर्फ औपचारिक गिरफ्तारी कर उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाए तथा मामला कोर्ट में पेश किया जाए। ऐसी स्थिति में उसकी गिरफ्तारी या रिहा होने पर निर्णय न्यायालय लेगा। जहां तक धारा 153 का संबंध है। इस मामले में यह धारा 505 से संबंधित है। धारा 153 का उपयोग बलवा या लोक शांति भंग होने पर होता है।
इनका कहना है.
मेरा फेसबुक पर कोई ग्रुप नहीं है। 19 अगस्त को मेरी मोबाइल की बैटरी डाउन थी, मैं घर पर ही था। नपा उपाध्यक्ष पद पर मेरी पत्नी की जीत के लिए बधाई देने के लिए 10.20 लोग आए थे। रात को मेरे पुत्र ने बताया कि उनके नाम से सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट डाली गई है। मैंने इंकार किया कि मैंने कोई पोस्ट नहीं डाली।
मेरे मोबाइल को हैक कर किसी ने पोस्ट डाली है। तुरंत पोस्ट डिलीट कर दी गई। इसके बाद भी मुझ पर प्रकरण कायम हुआ तो इसे मैं कृपा प्रसाद के रूप में लेता हूं। वैसे संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है। जिन दो मंडल अध्यक्षों ने मुझ पर प्रकरण दर्ज कराया हैए वह मुझसे राजनीतिक दुर्भावना रखते हैं। मेरे और भाजपा के कई प्रत्याशियों को हराने के लिए उनके ही मंडल पदाधिकारी विभिन्न वार्डों में चुनाव लड़े।
रामजी व्यास,नपा उपाध्यक्ष पति