शिवपुरी। शिवपुरी में मि मगरमच्छ आपने कभी भी शिवपुरी की सडको पर तफरी करते हुए देखे होंगे,लेकिन अब मगरमच्छो का पूरा का पूरा कुनबा रात 9 बजे डिनर करने विष्णु मंदिर क्षेत्र मे आता है। इस इस डीनर को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंच जाते है। मगरमच्छ का परिवार नाले के रास्ते आते है और डिनर करके लौट जाते है,इस डिनर के कार्यक्रम के चलते स्थानीय रहवासी खौफ में है।
जानकारी के अनुसार विष्णु मंदिर रोड पर आइस फैक्ट्री के पास से गुजरे नाले में पिछले कुछ दिनों से मीट शाप वाले कुछ दुकानदार मटन और चिकन की छीलन नाले में डाल रहे हैं। ऐसे में इस मटन और चिकन की छीलन की दावत के लिए यहां हर रात नौ बजे के बाद 50 से अधिक मगरमच्छ पहुंच जाते हैं। यह मगरमच्छ इस बात का इंतजार करते रहते हैं कि कब यह छीलन नाले में फिके और कब वह दावत उड़ाएं।
मगरमच्छों के इतनी बड़ी तादाद में रिहायशी इलाके में आने से अब लोगों में दहशत की स्थिति निर्मित होने लगी है क्योंकि यहां पर सैंकड़ों लोगों के मकान नाले के किनारे बने हुए हैं। खास बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से यहां हर रात मगरमच्छों की दावत का लाइव शो देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है।
यहां आने वाले मगरमच्छ साइज में पांच से 10 फीट तक के होने के साथ.साथ काफी खूंखार भी हैं। यह कभी भी नाले से बाहर आकर घरों में घुस सकते हैं।
मटन के लिए कुत्ते और मगर के बीच जंग
गुरुवार की रात तो हालात यह बने कि जैसे ही मीट शाप का संचालक मीट की छीलन नाले में फेंक कर गया, वैसे ही वहां मगरमच्छों के बीच दो कुत्ते भी पहुंच गए। जब नाले में से एक कुत्ते ने मटन की छीलन उठाने का प्रयास किया तो एक मगर ने उस पर हमला बोल दिया।
वहीं दूसरी ओर पहले तो कुत्ते ने भी उस पर हमला बोलने का प्रयास किया लेकिन बाद में संभवतः उसे किसी अनहोनी का अहसास हुआ और वह वहां से लौट आया, हालांकि एक कुत्ता वहां मगरमच्छों के बीच दावत उड़ाने के लिए जद्दोजहद करता रहा।
डीनर में शामिल होने गया सूअर,स्वयं बन डीनर
रात के अंधेरे में जब एक सुअर नाले में विचरण करता हुआ पहुंचा तो खूंखार मगरमच्छ उक्त सुअर को अपने जबड़े में दबा कर पानी में समा गया। इस दौरान बस सुअर की चीख ही सुनाई दी। इसके बाद न तो सुअर का कोई पता चल सका और न ही मगरमच्छ का। माना जा रहा है कि इस जगह यह मगरमच्छ रोज किसी न किसी का शिकार कर रहे होंगे।
यहां बताना होगा कि इस नाले में कई बार छोटे.छोटे बच्चों को कबाड़ बीनने की जुगाड़ में कूद जाते हैं। ऐसे में अगर किसी दिन कोई बच्चा इन मगरमच्छों की चपेट में आ जाए तो बड़े अचरज की बात नहीं होगी।
ये बोले क्षेत्रवासी
नाले में रोजाना मटन.चिकन की छीलन डाली जाती है। इस कारण यहां पर दर्जनों मगरमच्छ लपक गए हैं। यह मगरमच्छ कई बार नाले से बाहर तक आने का प्रयास करते देखे गए है। अगर इन मगरमच्छों को यहां से रेस्क्यू कर दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
सुनील जैन,स्थानीय निवासी।
नाले में दर्जनों की संख्या में मगरमच्छ आ गए हैं। यह मगरमच्छ कभी भी रिहायशी एरिया में घुस सकते हैं। यहां नाले में कई बार छोटे.छोटे बच्चे भी कबाड़ा बीनने के लिए उतर जाते हैं। ऐसे हालातों में किसी दिन कोई बड़ा हादसा भी घटित हो सकता है।
राजू खान, स्थानीय निवासी।
इनको फीडिंग कराने से स्थानीय प्रशासन को रोकना चाहिए। यह माधव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से बाहर होने से वन मंडल के अधिकारी इस पर अपने स्तर की कार्रवाई कर सकते हैं। रेस्क्यु करना है तो माधव राष्ट्रीय उद्यान की टीम कर सकती है। इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
अनिल सोनी, एसीएफ माधव राष्ट्रीय उद्यान।
जानकारी के अनुसार विष्णु मंदिर रोड पर आइस फैक्ट्री के पास से गुजरे नाले में पिछले कुछ दिनों से मीट शाप वाले कुछ दुकानदार मटन और चिकन की छीलन नाले में डाल रहे हैं। ऐसे में इस मटन और चिकन की छीलन की दावत के लिए यहां हर रात नौ बजे के बाद 50 से अधिक मगरमच्छ पहुंच जाते हैं। यह मगरमच्छ इस बात का इंतजार करते रहते हैं कि कब यह छीलन नाले में फिके और कब वह दावत उड़ाएं।
मगरमच्छों के इतनी बड़ी तादाद में रिहायशी इलाके में आने से अब लोगों में दहशत की स्थिति निर्मित होने लगी है क्योंकि यहां पर सैंकड़ों लोगों के मकान नाले के किनारे बने हुए हैं। खास बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से यहां हर रात मगरमच्छों की दावत का लाइव शो देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है।
यहां आने वाले मगरमच्छ साइज में पांच से 10 फीट तक के होने के साथ.साथ काफी खूंखार भी हैं। यह कभी भी नाले से बाहर आकर घरों में घुस सकते हैं।
मटन के लिए कुत्ते और मगर के बीच जंग
गुरुवार की रात तो हालात यह बने कि जैसे ही मीट शाप का संचालक मीट की छीलन नाले में फेंक कर गया, वैसे ही वहां मगरमच्छों के बीच दो कुत्ते भी पहुंच गए। जब नाले में से एक कुत्ते ने मटन की छीलन उठाने का प्रयास किया तो एक मगर ने उस पर हमला बोल दिया।
वहीं दूसरी ओर पहले तो कुत्ते ने भी उस पर हमला बोलने का प्रयास किया लेकिन बाद में संभवतः उसे किसी अनहोनी का अहसास हुआ और वह वहां से लौट आया, हालांकि एक कुत्ता वहां मगरमच्छों के बीच दावत उड़ाने के लिए जद्दोजहद करता रहा।
डीनर में शामिल होने गया सूअर,स्वयं बन डीनर
रात के अंधेरे में जब एक सुअर नाले में विचरण करता हुआ पहुंचा तो खूंखार मगरमच्छ उक्त सुअर को अपने जबड़े में दबा कर पानी में समा गया। इस दौरान बस सुअर की चीख ही सुनाई दी। इसके बाद न तो सुअर का कोई पता चल सका और न ही मगरमच्छ का। माना जा रहा है कि इस जगह यह मगरमच्छ रोज किसी न किसी का शिकार कर रहे होंगे।
यहां बताना होगा कि इस नाले में कई बार छोटे.छोटे बच्चों को कबाड़ बीनने की जुगाड़ में कूद जाते हैं। ऐसे में अगर किसी दिन कोई बच्चा इन मगरमच्छों की चपेट में आ जाए तो बड़े अचरज की बात नहीं होगी।
ये बोले क्षेत्रवासी
नाले में रोजाना मटन.चिकन की छीलन डाली जाती है। इस कारण यहां पर दर्जनों मगरमच्छ लपक गए हैं। यह मगरमच्छ कई बार नाले से बाहर तक आने का प्रयास करते देखे गए है। अगर इन मगरमच्छों को यहां से रेस्क्यू कर दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
सुनील जैन,स्थानीय निवासी।
नाले में दर्जनों की संख्या में मगरमच्छ आ गए हैं। यह मगरमच्छ कभी भी रिहायशी एरिया में घुस सकते हैं। यहां नाले में कई बार छोटे.छोटे बच्चे भी कबाड़ा बीनने के लिए उतर जाते हैं। ऐसे हालातों में किसी दिन कोई बड़ा हादसा भी घटित हो सकता है।
राजू खान, स्थानीय निवासी।
इनको फीडिंग कराने से स्थानीय प्रशासन को रोकना चाहिए। यह माधव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से बाहर होने से वन मंडल के अधिकारी इस पर अपने स्तर की कार्रवाई कर सकते हैं। रेस्क्यु करना है तो माधव राष्ट्रीय उद्यान की टीम कर सकती है। इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
अनिल सोनी, एसीएफ माधव राष्ट्रीय उद्यान।