शिवपुरी। 300 करोड़ की लागत से बनी मेडिकल काॅलेज का चमचमाती बिल्डिंग की छत अब पानी को रोक नहीं पा रही है। कॉलेज के प्रवेश द्वार की पीओपी की सीलिंग का साथ छत ने छोड दिया जिससे वह जमीन पर गिर गई हैं। बताया जा रहा हैं कि छत से पानी बैठ रहा है इस कारण पीओपी की सीलिंग टूटी हैं।
ऐसे अस्तितव मे आया मेडिकल काॅलेज
यूपीए सरकार के वक्त केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब अपने साथ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को शिवपुरी लेकर आए थे, तब आजाद ने ही यहां मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों से पहले मेडिकल कॉलेज बना, फिर हॉस्पिटल की बिल्डिंग भी यहां पर बनाई गई।
पीआईयू द्वारा बनाए गए मेडिकल कॉलेज भवन पर तकरीबन 300 करोड़ रुपए खर्च हुए। दो साल पहले ही यह बिल्डिंग हैंडओवर की गई और अब इससे पानी रिसने लगा है। बिल्डिंग के अंदर जिस प्रवेश द्वार से सबसे पहले मेडिकल स्टूडेंट या आगंतुक का आगमन होता है, उसी द्वार पर सिर पर पानी की बूंदे गिरती हुई नजर आती हैं। यही नहीं, सीलन की वजह से मेडिकल कॉलेज प्रवेश द्वार की सीलिंग का कुछ हिस्सा भी जमींदोज हो चुका है।
लगातार बारिश के कारण प्रवेश द्वार की छत लीकेज हो रही है,जिससे धीरे धीरे पानी पीओपी से बनी सीलिंग में बैठने लगा इस कारण सीलिंग टपक गई। बताया जा रहा है छत से लगातार पानी गिरने के कारण पानी गिरने वाले स्थान पर गमले रख दिए गए ताकि देखने से ऐसा महसूस हो कि यह पानी गमलों में डालने से फैला है। मेडिकल स्टूडेंट्स को भी पीओपी सीलन से टपकने वाली पानी की बूंदों से अपना बचाव करते हुए इस द्वार से अंदर प्रवेश करना पड़ रहा है।
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. केवी वर्मा ने बिल्डिंग निर्माण करने वाली एजेंसी पीआईयू को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।