शिवपुरी। आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अधीक्षिका सहित छात्राओं की अस्मत मांगी थी। जब वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने नियमों को ताक पर रखते हुए छात्रावास को ही बंद करवा दिया। इस छात्रावास की छात्राओं को एक अन्य छात्रावास में शिफ्ट कर दिया गया है।
अधीक्षिका को छात्रावास से ऑफिस में अटैच कर दिया गया है। मामले की शिकायत 50 रुपये के स्टाम्प पर शपथ पूर्वक कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दर्ज कराई गई है। छात्रावास की तत्कालीन अधीक्षिका राजकुमारी कोली का कहना है कि एसडीएम बिजेंद्र यादव ने मई माह में छात्रावास के निरीक्षण के बाद उन्होंने उस पर दबाव बनाया कि वह रात को एक छात्रा को उनके बंगले पर भेजा कर और सुबह छात्रा को वापस ले जाया करें।
जब वह छात्राओं को उनके यहां भेजने तैयार नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि तुम खुद उनके बंगले पर आ जाओ। राजकुमारी का आरोप है कि बिजेंद्र यादव ने छात्रावास बंद करवाने और उसे ऑफिस में अटैच करने की धमकी दी। राजकुमारी के अनुसार इसी के चलते बिजेंद्र यादव ने 50 सीटर शासकीय अनुसूचित जाति जिला स्तरीय कन्या उत्कृष्ट छात्रावास कमलागंज में शिफ्ट कर दिया, जबकि वहां पर सिर्फ 50 छात्राओं के रहने की ही व्यवस्था है। ऐसे में उस छात्रावास में 100 छात्राएं कैसे रहेंगी।
रात के अंधेरे में जाते थे छात्रावास
एसडीएम बिजेंद्र यादव पर अधीक्षिका ने आरोप लगाए हैं कि वह रात के अंधेरे में गंदे इरादों से कन्या छात्रावास का निरीक्षण करने के लिए जाते थे जबकि नियमानुसार सूरज ढलने के बाद कोई भी पुरुष अधिकारी कन्या छात्रावास का निरीक्षण करने के लिए नहीं जा सकता है। छात्रावास अधीक्षिका ने इस संबंध में फोटो भी उपलब्ध करवाए हैं और शिकायतों के साथ भी उक्त फोटो अधिकारियों को उपलब्ध करवाए हैं।
इधर एसडीएम पिछोर के समर्थन में उतरी अधीक्षिकाएं
राजकुमारी कोली द्वारा पिछोर एसडीएम बिजेंद्र यादव की शिकायत किए जाने के बाद अब कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं भी उनके समर्थन में उतर आई हैं। छात्रावास अधीक्षिका मोनिका तोमर, कविता कुशवाहा, डा रजनी आर्य, अनीता तिम्मी, पुष्पा देवी आर्य आदि ने कलेक्टर को लिखित में एसडीएम बिजेंद्र यादव को चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा है कि उनका व्यवहार महिलाओं के प्रति बहुत अच्छा है। अधीक्षिकाओं का कहना है कि राजकुमारी कोली जब पोहरी में पदस्थ थी तब उन्होंने तीन दिन तक छात्राओं को भूखा प्यासा रखा था।
इनका कहना है
अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए छात्रावासों के निरीक्षण पर जाते थे। ऐसे में गलत नियत की बात पूरी तरह से निराधार है। छात्रावास अधीक्षिका का स्थानांतरण प्रक्रिया का हिस्सा है और इसी बात से नाराज होकर वह इस तरह के उल्टे सीधे आरोप लगा रही है। उनके अनुसार उन्होंने तो खुद ही कलेक्टर साहब को निवेदन किया है कि इस मामले की पूरी जांच करवाई जाए और नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
बिजेंद्र यादव, पिछोर एसडीएम
अधीक्षिका को छात्रावास से ऑफिस में अटैच कर दिया गया है। मामले की शिकायत 50 रुपये के स्टाम्प पर शपथ पूर्वक कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दर्ज कराई गई है। छात्रावास की तत्कालीन अधीक्षिका राजकुमारी कोली का कहना है कि एसडीएम बिजेंद्र यादव ने मई माह में छात्रावास के निरीक्षण के बाद उन्होंने उस पर दबाव बनाया कि वह रात को एक छात्रा को उनके बंगले पर भेजा कर और सुबह छात्रा को वापस ले जाया करें।
जब वह छात्राओं को उनके यहां भेजने तैयार नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि तुम खुद उनके बंगले पर आ जाओ। राजकुमारी का आरोप है कि बिजेंद्र यादव ने छात्रावास बंद करवाने और उसे ऑफिस में अटैच करने की धमकी दी। राजकुमारी के अनुसार इसी के चलते बिजेंद्र यादव ने 50 सीटर शासकीय अनुसूचित जाति जिला स्तरीय कन्या उत्कृष्ट छात्रावास कमलागंज में शिफ्ट कर दिया, जबकि वहां पर सिर्फ 50 छात्राओं के रहने की ही व्यवस्था है। ऐसे में उस छात्रावास में 100 छात्राएं कैसे रहेंगी।
रात के अंधेरे में जाते थे छात्रावास
एसडीएम बिजेंद्र यादव पर अधीक्षिका ने आरोप लगाए हैं कि वह रात के अंधेरे में गंदे इरादों से कन्या छात्रावास का निरीक्षण करने के लिए जाते थे जबकि नियमानुसार सूरज ढलने के बाद कोई भी पुरुष अधिकारी कन्या छात्रावास का निरीक्षण करने के लिए नहीं जा सकता है। छात्रावास अधीक्षिका ने इस संबंध में फोटो भी उपलब्ध करवाए हैं और शिकायतों के साथ भी उक्त फोटो अधिकारियों को उपलब्ध करवाए हैं।
इधर एसडीएम पिछोर के समर्थन में उतरी अधीक्षिकाएं
राजकुमारी कोली द्वारा पिछोर एसडीएम बिजेंद्र यादव की शिकायत किए जाने के बाद अब कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं भी उनके समर्थन में उतर आई हैं। छात्रावास अधीक्षिका मोनिका तोमर, कविता कुशवाहा, डा रजनी आर्य, अनीता तिम्मी, पुष्पा देवी आर्य आदि ने कलेक्टर को लिखित में एसडीएम बिजेंद्र यादव को चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा है कि उनका व्यवहार महिलाओं के प्रति बहुत अच्छा है। अधीक्षिकाओं का कहना है कि राजकुमारी कोली जब पोहरी में पदस्थ थी तब उन्होंने तीन दिन तक छात्राओं को भूखा प्यासा रखा था।
इनका कहना है
अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए छात्रावासों के निरीक्षण पर जाते थे। ऐसे में गलत नियत की बात पूरी तरह से निराधार है। छात्रावास अधीक्षिका का स्थानांतरण प्रक्रिया का हिस्सा है और इसी बात से नाराज होकर वह इस तरह के उल्टे सीधे आरोप लगा रही है। उनके अनुसार उन्होंने तो खुद ही कलेक्टर साहब को निवेदन किया है कि इस मामले की पूरी जांच करवाई जाए और नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
बिजेंद्र यादव, पिछोर एसडीएम