शिवुपरी। खबर जिले के सरकारी अस्पताल से आ रही हैं कि मेडिकल वार्ड में तैनात नर्स के तैनात उसके पति ने ही मारपीट कर दी। नर्स को बचाने आई एक और साथी नर्स के साथ भी अभद्रता कर दी। वही अस्पताल परिसर में एक एनजीओ कार्यकर्ता के साथ एक नाई ने अभद्रता कर दी इतना ही नहीं उसने विरोध किया तो उसके कपड़े तक खीच डाले। दोनों ही मामलों में अस्पताल में तैनात गार्ड देखते रहे गए। पब्लिक ने दोनो घटनाओ में आरोपितो का पकड लिया और कोतवाली पुलिस सौंप दिया।
इससे पूर्व भी कई महिला कर्मचारियों के साथ मारपीट और अभद्रता हो चुकी हैं। अगर एक.दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी मामलों को दबा दिया गया, क्योंकि अस्पताल प्रबंधन कभी भी महिला कर्मचारियों के साथ नहीं आया। जिन मामलों में कार्रवाई हुई है, उनमें भी नर्सिंग स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई करवाई है।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला स्टाफ को कर्तव्य स्थल पर सुरक्षा प्रदान न किए जाने को ही परिणाम है कि लोगों की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षा दिलाई जाना प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
लव मैरिज की थी नर्स ने तलाक का चल रहा है केस
दरअसल जिला अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ अंकिता मंडलेश्वर पत्नी देवेन्द्र सविता पुत्री स्व, संपत्ति मंडलेश्वर उम्र 33 साल शनिवार को मेडिकल वार्ड में ड्यूटी कर रही थी। इसी दौरान उसका पति देवेंद्र वहां पहुंचा और उसके साथ मारपीट कर दी। जब उसकी अंकिता को पिटता देख उसकी साथी नर्स करिश्मा उसे बचाने के लिए आई तो देवेंद्र ने उसके साथ भी मारपीट कर दी।
इसके बाद देवेंन्द्र वहां से भाग गया। जब पूरी घटना के बारे में अस्पताल में काम करने वाले लोगों को पता चला तो उन्होंने देवेंद्र को पकड़ लिया और पुलिस को फोन पर सूचना देकर मौके पर ही बुला लिया, जिस पर पुलिस आरोपित को पकड़कर थाने ले गई। इससे पहले शुक्र.शनिवार को भी रात करीब 12 बजे आरोपित देवेंद्र करिश्मा के घर पहुंच गया था।
करिश्मा ने किसी तरह उसे वहां से भगाया। करिश्मा का कहना है कि वह आरोपित से काफी भयभीत है। पुलिस ने अंकिता की शिकायत पर आरोपित देवेंद्र के खिलाफ मारपीट सहित शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ कर दी है। बताया जाता है कि दोनों का 2011 में प्रेम विवाह हुआ था और दोनों के एक बेटी भी है। दोनों के बीच कुटुंब न्यायालय में तलाक का केस भी चल रहा है। शुक्रवार को इसी की तारीख के लिए देवेंद्र शिवपुरी आया था।
एनजीओ कार्यकर्ता के साथ दूसरी बार हुई है यह हरकत
इधर एक अन्य घटनाक्रम में संकल्प समाज सेवी संस्था नामक एनजीओ में काम करने वाली महिला लक्ष्मी कुशवाह निवासी करौंदी कॉलोनी दोपहर के समय अस्पताल से अपना काम निपटा कर वापिस घर जा रही थी। इसी दौरान अस्पताल के बाहर बैठने वाले एक नाई बल्लू सेन ने पहले तो उसके साथ अभद्रता की। जब महिला ने विरोध किया तो उसे पकड़कर उसकी मारपीट भी कर दी।
लक्ष्मी का कहना है कि आरोपित बल्लू सेन निवासी लालमाटी पूर्व में भी उसे देखकर कमेंट और गाली गलौज करता था। इसी के चलते उसने अपनी साथी सरला के माध्यम से बल्लू सेन की पत्नी को मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी। तत्समय बल्लू की पत्नी ने भरोसा दिया था कि अब बल्लू ऐसा नहीं करेगा, लेकिन बल्लू की आदत नहीं बदली और आज फिर उसने यही हरकत की, विरोध करने पर उसके साथ मारपीट कर दी गई। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया।
अस्पताल की सुरक्षा में सेंध, कभी मारपीट तो कभी चोरी
जिला अस्पताल में गार्ड की संख्या न के बराबर है। इस कारण यहां न तो स्टाफ खुद को सुरक्षित महसूस कर पाता है और न ही मरीज। आए दिन मरीजों व उनके अटेंडरों के साथ चोरी की घटना होती है। अब स्टाफ के साथ मारपीट भी होने लगी है। स्टाफ का कहना है कि ऐसी ही स्थिति रही तो यहां काम करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं अस्पताल प्रबंधन गार्ड न होने की बात कहता है। खुद अस्पताल की संपत्ति को भी असामाजिक तत्व कई बार क्षति पहुंचा चुके हैं।
इनका कहना है
सूचना के आधार पर हमने दोनों ही मामलों के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। नर्स की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरे मामले में एनजीओ कार्यकर्ता के खिलाफ आरोपित के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई है।
सुनील खेमरिया,टीआई कोतवाली
सुरक्षा गार्ड की कमी हैं
हमारे यहां सुरक्षा गार्ड की कमी है, इसके अलावा अस्पताल में 24 घंटे मरीज और उनके अटेंडर मिलाकर दो से ढाई हजार आदमी मौजूद रहते हैं। वहीं दूसरी ओर गार्ड की संख्या बेहद कम है। हमने गार्ड बढ़ाने की मांग की है। अगर हमें गार्ड मिल जाएंगे तो हम हर गेट पर और वार्ड में भी राउंड करने के लिए गार्ड तैनात कर देंगे। आज की घटना में हमने नर्स के माध्यम से कार्रवाई के लिए पत्र थाने भिजवाया है।
डा संतोष पाठक, RMO जिला अस्पताल
इससे पूर्व भी कई महिला कर्मचारियों के साथ मारपीट और अभद्रता हो चुकी हैं। अगर एक.दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी मामलों को दबा दिया गया, क्योंकि अस्पताल प्रबंधन कभी भी महिला कर्मचारियों के साथ नहीं आया। जिन मामलों में कार्रवाई हुई है, उनमें भी नर्सिंग स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई करवाई है।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला स्टाफ को कर्तव्य स्थल पर सुरक्षा प्रदान न किए जाने को ही परिणाम है कि लोगों की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षा दिलाई जाना प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
लव मैरिज की थी नर्स ने तलाक का चल रहा है केस
दरअसल जिला अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ अंकिता मंडलेश्वर पत्नी देवेन्द्र सविता पुत्री स्व, संपत्ति मंडलेश्वर उम्र 33 साल शनिवार को मेडिकल वार्ड में ड्यूटी कर रही थी। इसी दौरान उसका पति देवेंद्र वहां पहुंचा और उसके साथ मारपीट कर दी। जब उसकी अंकिता को पिटता देख उसकी साथी नर्स करिश्मा उसे बचाने के लिए आई तो देवेंद्र ने उसके साथ भी मारपीट कर दी।
इसके बाद देवेंन्द्र वहां से भाग गया। जब पूरी घटना के बारे में अस्पताल में काम करने वाले लोगों को पता चला तो उन्होंने देवेंद्र को पकड़ लिया और पुलिस को फोन पर सूचना देकर मौके पर ही बुला लिया, जिस पर पुलिस आरोपित को पकड़कर थाने ले गई। इससे पहले शुक्र.शनिवार को भी रात करीब 12 बजे आरोपित देवेंद्र करिश्मा के घर पहुंच गया था।
करिश्मा ने किसी तरह उसे वहां से भगाया। करिश्मा का कहना है कि वह आरोपित से काफी भयभीत है। पुलिस ने अंकिता की शिकायत पर आरोपित देवेंद्र के खिलाफ मारपीट सहित शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ कर दी है। बताया जाता है कि दोनों का 2011 में प्रेम विवाह हुआ था और दोनों के एक बेटी भी है। दोनों के बीच कुटुंब न्यायालय में तलाक का केस भी चल रहा है। शुक्रवार को इसी की तारीख के लिए देवेंद्र शिवपुरी आया था।
एनजीओ कार्यकर्ता के साथ दूसरी बार हुई है यह हरकत
इधर एक अन्य घटनाक्रम में संकल्प समाज सेवी संस्था नामक एनजीओ में काम करने वाली महिला लक्ष्मी कुशवाह निवासी करौंदी कॉलोनी दोपहर के समय अस्पताल से अपना काम निपटा कर वापिस घर जा रही थी। इसी दौरान अस्पताल के बाहर बैठने वाले एक नाई बल्लू सेन ने पहले तो उसके साथ अभद्रता की। जब महिला ने विरोध किया तो उसे पकड़कर उसकी मारपीट भी कर दी।
लक्ष्मी का कहना है कि आरोपित बल्लू सेन निवासी लालमाटी पूर्व में भी उसे देखकर कमेंट और गाली गलौज करता था। इसी के चलते उसने अपनी साथी सरला के माध्यम से बल्लू सेन की पत्नी को मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी। तत्समय बल्लू की पत्नी ने भरोसा दिया था कि अब बल्लू ऐसा नहीं करेगा, लेकिन बल्लू की आदत नहीं बदली और आज फिर उसने यही हरकत की, विरोध करने पर उसके साथ मारपीट कर दी गई। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया।
अस्पताल की सुरक्षा में सेंध, कभी मारपीट तो कभी चोरी
जिला अस्पताल में गार्ड की संख्या न के बराबर है। इस कारण यहां न तो स्टाफ खुद को सुरक्षित महसूस कर पाता है और न ही मरीज। आए दिन मरीजों व उनके अटेंडरों के साथ चोरी की घटना होती है। अब स्टाफ के साथ मारपीट भी होने लगी है। स्टाफ का कहना है कि ऐसी ही स्थिति रही तो यहां काम करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं अस्पताल प्रबंधन गार्ड न होने की बात कहता है। खुद अस्पताल की संपत्ति को भी असामाजिक तत्व कई बार क्षति पहुंचा चुके हैं।
इनका कहना है
सूचना के आधार पर हमने दोनों ही मामलों के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। नर्स की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरे मामले में एनजीओ कार्यकर्ता के खिलाफ आरोपित के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई है।
सुनील खेमरिया,टीआई कोतवाली
सुरक्षा गार्ड की कमी हैं
हमारे यहां सुरक्षा गार्ड की कमी है, इसके अलावा अस्पताल में 24 घंटे मरीज और उनके अटेंडर मिलाकर दो से ढाई हजार आदमी मौजूद रहते हैं। वहीं दूसरी ओर गार्ड की संख्या बेहद कम है। हमने गार्ड बढ़ाने की मांग की है। अगर हमें गार्ड मिल जाएंगे तो हम हर गेट पर और वार्ड में भी राउंड करने के लिए गार्ड तैनात कर देंगे। आज की घटना में हमने नर्स के माध्यम से कार्रवाई के लिए पत्र थाने भिजवाया है।
डा संतोष पाठक, RMO जिला अस्पताल