पोहरी। पोहरी जनपद की ग्राम पंचायत बागौदा में पंच.सरपंच शपथ ग्रहण समारोह का अयोजन किया गया परंतु शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंचायत भवन के चपरासी ने ताले की चाबी देने से मना कर दिया। अंततः नोडल अधिकारी की मौजूदगी में पंचायत भवन के बाहर सड़क पर खड़े होकर पंच.सरपंच ने शपथ ग्रहण की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बागौदा में शासन के निर्देशानुसार शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नोडल अधिकारी देवेन्द्र गुप्ता व पंचायत सचिव लक्ष्मण यादव की उपस्थिति में किया गया। शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंचायत भवन के चपरासी जगदीश से चाबी मांगी गई लेकिन जगदीश ने चाबी देने से मना कर दिया।
ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंचायत भवन का ताला नहीं खोला जा सका। काफी प्रयास के बाद भी जब ताले की चाबी नहीं दी गई तो मजबूरन नोडल अधिकारी व सचिव ने पंच.सरपंच को सड़क पर ही खड़े करवा कर अपने पद के प्रति ईमानदारी व गोपनीयता की शपथ दिलवाई। यह शपथ ग्रहण समारोह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण के बाद जब चपरासी को समझाइश दी गई तो वह चाबी देने को तैयार हो गया। इस शपथ ग्रहण समारोह के गवाह पंचायत के ग्रामीण भी बने।
सड़क पर ही आयोजित हुआ प्रथम सम्मेलन
शपथ ग्रहण के साथ ही पंचायत का प्रथम सम्मेलन आयोजित किया जाना था। चूंकि पंचायत भवन की चाबी चपरासी ने दी नहीं थी। ऐसे में पंचायत भवन के बाहर ही पंचायत के प्रथम सम्मेलन का आयोजन करवा कर औपचारिकता निभाई गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बागौदा में शासन के निर्देशानुसार शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नोडल अधिकारी देवेन्द्र गुप्ता व पंचायत सचिव लक्ष्मण यादव की उपस्थिति में किया गया। शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंचायत भवन के चपरासी जगदीश से चाबी मांगी गई लेकिन जगदीश ने चाबी देने से मना कर दिया।
ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंचायत भवन का ताला नहीं खोला जा सका। काफी प्रयास के बाद भी जब ताले की चाबी नहीं दी गई तो मजबूरन नोडल अधिकारी व सचिव ने पंच.सरपंच को सड़क पर ही खड़े करवा कर अपने पद के प्रति ईमानदारी व गोपनीयता की शपथ दिलवाई। यह शपथ ग्रहण समारोह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण के बाद जब चपरासी को समझाइश दी गई तो वह चाबी देने को तैयार हो गया। इस शपथ ग्रहण समारोह के गवाह पंचायत के ग्रामीण भी बने।
सड़क पर ही आयोजित हुआ प्रथम सम्मेलन
शपथ ग्रहण के साथ ही पंचायत का प्रथम सम्मेलन आयोजित किया जाना था। चूंकि पंचायत भवन की चाबी चपरासी ने दी नहीं थी। ऐसे में पंचायत भवन के बाहर ही पंचायत के प्रथम सम्मेलन का आयोजन करवा कर औपचारिकता निभाई गई।
इनका कहना है
मैं तो हाल ही में स्थानांतरित होकर यहां आया हूं। पूर्व में जगदीश नाम के जिस ग्रामीण को पंचायत का चपरासी बनाया गया थाए उसने चाबी देने से मना कर दिया था। इस कारण पंचायत भवन के बाहर खड़े होकर ही शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करना पड़ा। हालांकि बाद में चपरासी ने चाबी दे दी है।
लक्ष्मण यादव, पंचायत सचिव
मैं तो हाल ही में स्थानांतरित होकर यहां आया हूं। पूर्व में जगदीश नाम के जिस ग्रामीण को पंचायत का चपरासी बनाया गया थाए उसने चाबी देने से मना कर दिया था। इस कारण पंचायत भवन के बाहर खड़े होकर ही शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करना पड़ा। हालांकि बाद में चपरासी ने चाबी दे दी है।
लक्ष्मण यादव, पंचायत सचिव