संजीव जाट@ बदरवास। कहते हैं कि जब किसी पर विपत्ति आती है तो फिर वो संभलने का मौका नहीं देतीं। ऐसा ही कुछ बदरवास नगर के वार्ड.6 में रहने वाले केवट परिवार के साथ हुआ, जिसमें चार बेटियों का पालन पोषण करने वाले पिता की मौत के बाद न केवल परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, बल्कि घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए बेटियों ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी।
पिता की मौत के बाद बीमार हुई माँ व बहन के इलाज के साथ.साथ मकान का किराया देने वाली यह बहनें सिलाई करके किसी तरह अपने परिजनों को जिंदा रखे हुए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परिवार को शासन की कोई भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
बदरवास के वार्ड.6 में रहने वाले कृष्णकांत केवट दिल के मरीज थे और विगत एक माह पूर्व उनका निधन हो गया। पति की मौत से व्यथित उनकी पत्नी राजकुमारी केवट पैरालिसिस का शिकार हो गईं। पिता के निधन के बाद माँ के लाचार होने से घर की बड़ी बेटियों पर जब जिम्मेदारी आई तो उन्होंने 12वीं व हाईस्कूल पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
इस परिवार में एकता केवट उम्र 20 साल पूजा केवट उम्र 19 वर्ष वंदना केवट उम्र 18 वर्ष स्नेहा केवट उम्र 17 साल व छोटा भाई अभिषेक उम्र 13 वर्ष की जिम्मेदारी घर की बड़ी बेटियों पर आ गई। जब पिता जीवित थे तो उनकी मजदूरी व माँ द्वारा की जाने वाली सिलाई से होने वाली आमदनी से सभी बच्चे पढ़ रहे थे, लेकिन जब घर चलाने की बात आई तो उन्हें पढ़ाई छोडऩी पड़ गई।
यह बोलीं बेटियां
मेरे पिता का एक माह पूर्व निधन हो गया, मेरी माँ लकवे से पीड़ित हैं, जिनकी लगातार दवाइयां चल रही हैं। छोटी बहन स्नेहा भी बीमार रहती है, भाई अभी छोटा है। हम बहनों ने पढ़ाई छोड़कर परिवार की गाड़ी खींचना शुरू कर दिया है।
शासन की योजनाओं से वंचित
इस गरीब परिवार को शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा। न तो उन्हें प्रधानमंत्री आवास मिला और न ही बीपीएल कार्ड है और न ही उनका आयुष्मान कार्ड बना है। यदि इस परिवार को सस्ता अनाज व उपचार ही निःशुल्क हो जाए तो इन बेटियों के कंधों पर परिवार का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।
दिन.रात सिलाई कर चला रही घर
परिवार की दोनों बड़ी बेटियां दिन.रात सिलाई का काम करके अपने परिवार की गाड़ी खींच रही हैं, उसमें उन्हें 3 हजार रुपए मकान किराए के अलावा महंगाई के इस दौर में अनाज से लेकर तेल.मसाले आदि की व्यवस्था तो करनी ही पड़ रही हैए वहीं बीमार माँ व छोटी बहन का इलाज भी वे ही करवा रही हैं।
पात्रतानुसार मिलेगा लाभ
इस परिवार की कहानी आपके माध्यम से हमारे पास तक पहुंची है। हम सोमवार को नगर परिषद व राजस्व की टीम जांच के लिए भेजेंगे। यह परिवार जिस योजना में पात्रता रखता होगा, उन्हें उसका लाभ दिया जाएगा।
प्रदीप भार्गव, तहसीलदार बदरवास