शिवपुरी। कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बोलकर अपमान किया है। इसी को लेकर भाजपा ने आज विरोध प्रदर्शन किया।
जिला मीडिया प्रभारी विकास दंडोतिया ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम के नेतृत्व में माधव चौक चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया और एक पैदल मार्च माधव चौक से अस्पताल चौराहे तक निकाला गया व कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजू बाथम ने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सत्याग्रह के नाम पर जिस तरह सड़कों पर ड्रामा कर रहे हैं, वो किसी भी सभ्य लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है।
एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून के सामने हर कोई बराबर है। लेकिन कांग्रेस की सोनिया गांधी और उनके बच्चों को संविधान और देश से ऊपर समझते हैं। कांग्रेसियों की माने तो वे किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है। ईडी की पूछताछ को आलाकमान की शान में गुस्ताखी मान रहे हैं।
इसलिए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान किया है इसी का आज हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष प्रहलाद भारती, उपाध्यक्ष रामकली चौधरी, मंजुला जैन, हेमंत ओझा, महामंत्री सोनू बिरथरे, पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष संजय कुशवाह, कोषाध्यक्ष सक्षम जैन, कार्यालय मंत्री अमित भार्गव, मनोज शर्मा, सोशल मीडिया प्रभारी जितेंद्र राठौर, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष नवनीत सेन, पिछड़ा वर्ग मोर्चा मंडल अध्यक्ष आकाश राठौर, वीरेंद्र रावत, अमन यादव, मुन्नालाल कुशवाह, गिर्राज शर्मा, रामअवतार गोस्वामी, महेश लोधी, आदि भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे।
क्या कहा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने
दरअसल सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए राष्ट्रपति नहीं बल्कि राष्ट्रपति शब्द इस्तेमाल करते सुना जा सकता है। कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा हिन्दुस्तान की राष्ट्रपति जी सबके लिए हैं।
राष्ट्रपति जी नहीं राष्ट्रपत्नी जी हिन्दुस्तान की राष्ट्रपत्नी जी सबके लिए हैं। हमारे लिए क्यों नहीं। जिस तरह राष्ट्रपत्नी शब्द पर जोर दिया है, उससे लगता है कि कांग्रेस एक गरीब आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।