शिवपुरी। नगर पालिका परिषद के 39 पार्षदों के पद हेतु 13 जुलाई को हुए चुनाव के परिणाम आने में अब 24 घंटे से भी कम समय रह गया है। इसके साथ ही उम्मीदवारों के दिलों की धड़कने तेज हो गई हैं। कल सुबह 9 बजे से साइंस कॉलेज में मतगणना प्रारंभ हुई और दोपहर 12 बजे के बाद पूरी पिक्चर स्पष्ट होने की संभावना है।
चुनाव के बाद जो संभावनाएं निकलकर सामने आ रही हैं। उससे नजर आ रहा है कि शायद ही किसी दल को पूर्ण बहुमत मिले। हालांकि आसार हैं कि भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है। भाजपा की संभावनाओं को बागी उम्मीदवारों ने काफी हद तक प्रभावित किया। कांग्रेस ने तो एक तरह से भाजपा को वॉकओवर दिया था।
कांग्रेस उम्मीदवारों को पार्टी संगठन ने भाग्य भरोसे छोड़ दिया। कांग्रेस संगठन ने टिकट देने के अलावा कोई काम नहीं किया। फील्ड में कोई पार्टी पदाधिकारी नजर नहीं आया। नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार यदि जीतेंगे तो वह सिर्फ अपनी साख के भरोसे और यदि वह कांग्रेस के स्थान पर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़े होते तो भी जीत जाते।
नगर पालिका शिवपुरी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूरा जोर लगाया। स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया खासी सक्रिय रहीं। पार्टी संगठन ने भी चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी के एक-एक पदाधिकारी वार्डों में प्रचार अभियान में जुटे रहे। प्रत्याशियों की घोषणा में भी भाजपा ने बाजी मारी।
भाजपा के विपरीत कांग्रेस संगठन का रवैया पूरी तरह निष्क्रिय रहा। प्रत्याशियों की घोषणा में लगातार विलंब किया गया और अंतिम क्षण में प्रत्याशी घोषित किए गए। वार्ड क्रमांक 19 में तो प्रत्याशी होने के बावजूद भी पार्टी ने किसको टिकट नहीं दिया। पार्टी संगठन पर कमजोर प्रत्याशी उतारने के आरोप भी लगे। भाजपा के कई वार्डों में मजबूत प्रत्याशियों के विरुद्ध कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे जिससे भाजपा को कोई दिक्कत न हो।
कांग्रेस ने कट्टर कांग्रेस राजेश बिहारी पाठक तक को टिकट नहीं दिया। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद प्रचार अभियान से भी कांग्रेस संगठन पूरी तरह से कटा रहा। ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए मामला एकतरफा होता, यदि उसके बागी प्रत्याशी पार्टी की संभावनाओं को पलीता नहीं लगा रहे होते। कई वार्डों में भाजपा को अपने ही बागी प्रत्याशियों से साफ खतरा नजर आ रहा है। कुछ वार्डों में कांग्रेस और भाजपा मुकाबले से बाहर है और निर्दलीय प्रत्याशियों में ही टक्कर नजर आ रही है।