शिवपुरी। आदिवासी बाहुल्य ग्राम अमर खोया में एक युवा अखेय राज आदिवासी सावन के महीने में कावड़ लेकर आया। कावड़ यात्रा में उसे एक महीने का समय लगा और इस एक महीने में उसने किसी तरह का नशा नहीं किया। इसका परिणाम यह रहा कि उसने अब नशे को पूरी तरह से त्याग दिया।
अखेय के इस कदम के बाद शक्तिशाली महिला संगठन ने उसे सहरिया समाज में नशामुक्ति को ब्रांड एंबेसडर बनाया। अब वह समाज के सामने शान से कहता है कि उसने नशे से दूरी बना ली है। अब अखेय समाज से नशे की लत को दूर करने के लिए भी काम करेगा।
अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल ने बताया कि नशा सहारिया समुदाय में बहुत ज्यादा है जिसके कारण इस समुदाय में गरीबीए अशिक्षा, कुपोषण एवम अनेक समस्याएं है। इसलिए संस्था अब इन परिवारों को नशा से होने वाले नाश के बारे में जागरूक करेंगे एवं नशा का त्याग उस पैसे को बच्चों के पोषण एवं विकास में लगाने के लिए प्रेरित करेंगे।
इसी के तहत अमर खोआ गांव में नशा मुक्त सहरिया समाज सह संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। गोयल ने कहा किनशा एक सामाजिक बुराई है। इस बुराई को समाप्त करने के लिए समाज को एकजुट होना होगा। शराब की तुलना कीचड़ के पानी से करते हुए कहा कि जिस तरह हम कीचड़ युक्त पानी का सेवन नहीं करते हैं उसी तरह शराब का भी सेवन बुरी चीज है।
नशा जहां स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है वहीं घर.परिवार की सुख.शांति छीन लेती है। बच्चों के भविष्य को चौपट कर देती है। उन्होंने कहा कि समाज में अगर कोई अवैध तरीके से शराब बेचता है तो उसका विरोध करें। घर का एक भी सदस्य शराब का सेवन नहीं करें इसमें घर की महिलाएं एवं बच्चों को आगे आना होगा। इस दौरान सहरिया समाज की महिलाओं, युवाओं और बच्चों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई।