शिवपुरी। अपने निर्धारित समय सीमा से लगभग 10 साल पीछे चल रहे सीवर प्रोजेक्ट में घर से सीवर लाइन तक कनेक्शन के लिए प्रशासन के पास कोई भी कार्य योजना नहीं हैं। घर से सीवर तक पाइप लाइन डालने का काम कौन सा विभाग करेगा अभी तय नही हैं। विकास के नाम पर शिवपुरी की सडको पर उतारा यह प्रोजेक्ट विनाश का काम कर गया। पूरा शहर खोद दिया गया,लोगों के फेफड़े धूल के गोदाम बन गए। सीवर प्रोजेक्ट से कई गुना राशि सडको को पुन:बनाने में लग गए।
जो काम 21 माह में पूरा होना था उसे 250 माह से अधिक हो गए। इस प्रोजेक्ट की गुणवत्ता पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं जब यह प्रोजेक्ट पूर्णता की ओर है,लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य अभी भी आने वाले प्लान से गायब है कि घरो सें सीवर की लाइन कौन सा विभाग जोडेंगा। अब इसके लिए फिर सडको को खोदा जाएगा,इसकी भरपाई कैसे होगी। कुल मिलाकर उचित कार्ययोजना के अभाव के कारण यह प्रोजेक्ट विकास से विनाश कर गया।
एक दशक से भी अधिक समय से चल रहे सीवर प्रोजेक्ट के काम ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है। सोमवार से पीएचई ने शहर और झांसी रोड के किनारे बिछाइ गई सीवर लाइन को कनेक्टिंग का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए झांसी रोड पर खुदाई करते हुए यहां से आवाजाही वाहनों और लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। रूट को शमशान घाट वाली रोड से डायवर्ट कर करबला पुल पर होकर निकाला जा रहा है। करवला पर सीवर लाइन की कनेक्टिंग के बाद बांकड़े हनुमान मंदिर के मोड पर भी आवाजाही बंद कर उसे कनेक्ट किया जाएगा।
पीएचई के ईई का कहना है कि बारिश के चलते हम इस काम को बहुत जल्द निपटाना जा रहे हैं, क्योंकि बारिश होने पर पानी के बहाव के चलते लाइन नहीं बिछ पाएगी। उनके अनुसार वह एक माह के अंदर सीवर की मुख्य लाइन का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद फिलहाल सीवर से जो नाले आदि जोड़े गए हैं, उनका पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने लगेगा।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि सीवर लाइन का संधारण और संवर्धन पीएचई करेगी या फिर नगर पालिका। हालांकि पूर्व में आई फोर्थ रिवाइज की प्रोसिडिंग में इस बात का उल्लेख था कि इसका संधारण और कनेक्शन देने की जिम्मेदारी नपा को दी जाए, परंतु जो निर्देश नपा को मिले थे उस पर भी नपा ने कोई योजना फिलहाल तैयार नहीं की है।
डेढ़ दशक बाद भी कनेक्शन को लेकर नहीं भी कार्ययोजना नही
सीवर लाइन का काम शुरू हुए डेढ़ दशक बीत चुका है। डेढ़ दशक बीतने के बाद भी अभी शहर में लोगों को दिए जाने वाले सीवर कनेक्शन को लेकर प्रशासन के पास कोई ब्लू प्रिंट नहीं है। इसके अलावा अभी यह भी डिसाइड नहीं हुआ है कि शहर में सीवर के कनेक्शन कहां-कहां और किस-किस को दिए जाएंगे। कनेक्शन नगर पालिका द्वारा दिए जाएंगे या फिर पीएचई द्वारा। कुल मिलाकर बेहद मंथर गति से चल रही इस योजना की सक्सेस पर भी अभी सवालिया निशान लगा हुआ है।
अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में नपा ने कनेक्शन को लेकर एक सर्वे करवाया था। इस सर्वे में यह बात सामने आई थी कि शहर भर में कनेक्शन देने के लिए 36 करोड़ रुपये की कार्य योजना बनेगी। इस सर्वे को हुए समय बीत चुका है ऐसे में यह तय है कि जैसे 62 करोड़ का सीवर प्रोजेक्ट सवा सौ करोड़ तक जा पहुंचा है वैसे ही कनेक्शन बिछाने के लिए जो रिवाइज बजट तैयार किया जाएगा, उसमें 36 करोड़ की कार्ययोजना दोगुने से अधिक की हो जाएगी।
दोगुने से अधिक हो गई है लागत
सीवर प्रोजेक्ट साल 2008 में शुरू हुआ था। टेंडर के बाद इसका वर्क आर्डर जुलाई 2013 को जैन एंड राय को मिला। यह प्रोजेक्ट 21 माह में पूरा होना था, लेकिन अब तक अधूरा है। प्रोजेक्ट सवीकृति के समय इसकी लागत 62 करोड़ रुपए थी, लेकिन इतने समय में 120 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई। काम में देरी होते देख विभाग कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की तैयारी में था। लेकिन अब इसका काम एक बार फिर गति पकड़ता दिखाई दे रहा है।
इनका कहना है
बारिश के दिनों मे सड़क पर क्रांसिंग करना मुश्किल होता है, यही कारण है कि हम बारिश से पहले करबला और बांकड़े पर क्रांसिंग कर लाइन लिंक करने का काम करवा रहे हैं। इसी वजह से रूट डायवर्ट किया गया है। हम अधिकतम एक महीने में सीवर की मुख्य लाइन का काम पूरा कर देंगे। शहर में सीवर के कनेक्शन को लेकर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कनेक्श्न कैसे दिए जाएंगे। कनेक्शन पीएचई देगी या नपा। भविष्य में जिस तरह के भी निर्देश आएंगे उनके अनुसार कार्य किया जाएगा।
एलपी सिंह, ईई PHE