शिवपुरी। गाड़ी खरीदने वाले ग्राहक अब अपने पसंदीदा शहर का नंबर ले सकेंगे। यानी आप भले ही नया वाहन भोपाल या ग्वालियर से खरीदें रजिस्ट्रेशन नंबर जिले का ले सकेंगे। साथ ही नंबर के लिए आपको जिला परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। डीलर प्वाइंट से ही एक ही दिन में नंबर भी मिल जाएगा।
यह सब एनआईसी राष्ट्रीय सूचना केंद्र के वाहन पोर्टल के माध्यम से होने जा रहा है। 27 जुलाई से इसकी शुरुआत हो चुकी हैं। लेकिन शिवपुरी जिले में यह एक अगस्त से पूरी तरह से लागू हो जाएगा।
भारत सरकार के एनआईसी सारथी पोर्टल और वाहन पोर्टल की कार्यप्रणाली प्रदेश में लागू होने जा रही है। पोर्टल के लिए एनआईसी द्वारा भोपाल में प्रदेशभर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी व जिला परिवहन अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। परिवहन अधिकारी ने बताया कि अभी तक वाहनों के डेटा संग्रहण के लिए परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी को ठेका दे रखा था।
लेकिन अब इसे बदलकर एनआईसी अब ऑनलाइन सिस्टम लागू कर रहा है, जिसमें सारथी व वाहन पोर्टल की स्कीम लेकर आया है। सारथी पोर्टल में ड्राइवर संबंधी डेटा व वाहन पोर्टल में नई गाड़ियों, नंबर और गाड़ी मालिकों का डेटा रहेगा।
इससे प्रदेशभर के गाड़ी मालिकों की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध रहेगी। इस पोर्टल का यह फायदा है कि वाहन किसी भी शहर से खरीदकर पसंदीदा शहर का गाड़ी नंबर लिया जा सकेगा।
एनआईसी ने प्रत्येक क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारी को लाग इन आईडी और पासवर्ड दिया है। ये गाड़ी के डीलर्स को दिए जाएंगे जिसमें वे खुद अपने स्तर पर गाड़ी का पंजीयन करेंगे और उसको जिला परिवहन अधिकारी उसे एप्रूव करेंगे। उसके बाद गाड़ी मालिक को एक ही दिन में नंबर भी मिल जाएगा।
इससे यह फायदा होगा कि भारत सीरीज के तहत जो वाहन रजिस्टर्ड है उन्हें दूसरे राज्य में रोड पर चलाने के लिए अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही अब वाहन का नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी।
एक जिले के बाद अब एक प्रदेश की सीरीज होगी शुरू
यह सब एनआईसी राष्ट्रीय सूचना केंद्र के वाहन पोर्टल के माध्यम से होने जा रहा है। 27 जुलाई से इसकी शुरुआत हो चुकी हैं। लेकिन शिवपुरी जिले में यह एक अगस्त से पूरी तरह से लागू हो जाएगा।
भारत सरकार के एनआईसी सारथी पोर्टल और वाहन पोर्टल की कार्यप्रणाली प्रदेश में लागू होने जा रही है। पोर्टल के लिए एनआईसी द्वारा भोपाल में प्रदेशभर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी व जिला परिवहन अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। परिवहन अधिकारी ने बताया कि अभी तक वाहनों के डेटा संग्रहण के लिए परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी को ठेका दे रखा था।
लेकिन अब इसे बदलकर एनआईसी अब ऑनलाइन सिस्टम लागू कर रहा है, जिसमें सारथी व वाहन पोर्टल की स्कीम लेकर आया है। सारथी पोर्टल में ड्राइवर संबंधी डेटा व वाहन पोर्टल में नई गाड़ियों, नंबर और गाड़ी मालिकों का डेटा रहेगा।
इससे प्रदेशभर के गाड़ी मालिकों की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध रहेगी। इस पोर्टल का यह फायदा है कि वाहन किसी भी शहर से खरीदकर पसंदीदा शहर का गाड़ी नंबर लिया जा सकेगा।
एनआईसी ने प्रत्येक क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारी को लाग इन आईडी और पासवर्ड दिया है। ये गाड़ी के डीलर्स को दिए जाएंगे जिसमें वे खुद अपने स्तर पर गाड़ी का पंजीयन करेंगे और उसको जिला परिवहन अधिकारी उसे एप्रूव करेंगे। उसके बाद गाड़ी मालिक को एक ही दिन में नंबर भी मिल जाएगा।
इससे यह फायदा होगा कि भारत सीरीज के तहत जो वाहन रजिस्टर्ड है उन्हें दूसरे राज्य में रोड पर चलाने के लिए अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही अब वाहन का नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी।
एक जिले के बाद अब एक प्रदेश की सीरीज होगी शुरू
अभी तक जिले के हिसाब से वाहनों के सीरीज नंबर आते हैं। अब आने वाले समय में एक प्रदेश एक नंबर की सीरीज लागू होगी जिसमें ट्रैक्टर हो या ट्रक या फिर बाइक सभी का सीरीज नंबर एक ही होगा।
एक जिले के बाद अब एक प्रदेश की सीरीज होगी शुरू अभी तक जिले के हिसाब से वाहनों के सीरीज नंबर आते हैं। अब आने वाले समय में एक प्रदेश एक नंबर की सीरीज लागू होगी जिसमें ट्रैक्टर हो या ट्रक या फिर बाइक सभी का सीरीज नंबर एक ही होगा।
एक जिले के बाद अब एक प्रदेश की सीरीज होगी शुरू अभी तक जिले के हिसाब से वाहनों के सीरीज नंबर आते हैं। अब आने वाले समय में एक प्रदेश एक नंबर की सीरीज लागू होगी जिसमें ट्रैक्टर हो या ट्रक या फिर बाइक सभी का सीरीज नंबर एक ही होगा।