कोलारस। जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बैरसिया ग्राम पंचायत में मतदान के बाद आयोजित मतगणना के दौरान जमकर हंगामा हो गया। हारे हुए प्रत्याशीयों ने धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा कर दिया। प्रत्याशीयों का आरोप है कि पुलिस और अन्य कर्मचारियों ने उन्हे तथा उनके एजेंटों को मतगणना हॉल तक में नहीं घुसने दिया। इसके साथ ही विजयी प्रत्याशी ममता रामजीराणा से सांठगाठ कर उन्हें फर्जी तरीके से विजयी घोषित कर दिया।
इतना ही नहीं उन्हें पुलिसकर्मीयों ने हारे हुए प्रत्याशी के एजेंटों को धक्का देकर बाहर कर दिया। इस मामले की सूचना पर कलेक्टर और एसपी देर रात बैरसिया पहुंचे जहां ग्रामीणों को समझाकर आश्वासन दिया। परंतु सुबह रिजल्ट घोषित होते ही लगभग 5 सैंकडा लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए चुनाव को रद्द कराने और पुन मतदान की मांग करने लगे। जिसे लेकर कलेक्टर ने मामले की जांच कराने का आश्वासन देकर लोगों को चलता कर दिया।
जानकारी के अनुसार बैरसिया ग्राम पंचायत में 9 प्रत्याशियों ने सरपंच पद के लिए फार्म भरे थे और शुक्रवार को मतदान के बाद मतगणना प्रारंभ हुई तो आरोप है कि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने ममता रामजी राणा के एजेंटों को मतगणना स्थल में प्रवेश दे दिया। लेकिन शेष अन्य प्रत्याशी जिनमें गोमती अशोक आदिवासी, विसना नेता आदिवासी, धर्मेंद्र मथुरा कुशवाह, कल्याण होरलिया आदिवासी, प्रवेंद्र ब्रजमोहन राव, सुरेश बाबू जाटव, लीला बाई नंदकिशोर कुशवाह, पूनम वीरसिंह खटीक और उनके एजेंटों को पुलिसकर्मियों ने प्रवेश नहीं दिया और उन्हें धक्का मारकर वहां से भगा दिया।
जिससे सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक आक्रोशित हो गए। जिन्होंने मतगणना स्थल पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान सभी प्रत्याशियों का कहना था कि प्रशासनिक अधिकारी ममता रामजी राणा से मिलकर मतगणना में धांधली कर रहे हैं और इस धांधली के चलते उन्हें विजयी घोषित कर दिया है। हंगामे की सूचना जब कलेक्टर और एसपी को लगी तो वह मौके पर पहुंच गए।
जहां उन्होंने हंगामा कर रहे प्रत्याशियों से शिकायती आवेदन देने की बात कही और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी शिकायत की जांच कराई जाएगी। इस दौरान एसपी राजेश सिंह चंदेल ने रिकाउंटिंग करवाने की भी बात कही। लेकिन सभी प्रत्याशी चुनाव रद्द करने की मांग पर अड़े रहे।
उसके बाद आज सुबह जनपद पंचायत के प्रत्याशी और ग्राम पंचायत के प्रत्याशी एकजुट होकर लगभग 5 सैंकडा समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उक्त चुनाव को पुन: कराने की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठ गए। उसके बाद वहां उपस्थिति पुलिस स्टाफ ने धारा 144 का हवाला देते हुए भीड एकजुट न करने की कहकर उक्त भीड को वहां से चलता कर दिया। परंतु भीड चुनाव को रद्द कराकर पुन: चुनाव कराने की मांग पर अडे रहे।