पोहरी। बीते 11 जुलाई को पोहरी के गुढा हनुमान मंदिर के पुजारी की लाश मंदिर परिसर में मिली थी। पुजारी की हत्या की गई थी। पुलिस ने इस अंधे कत्ल का पर्दाफाश करते हुए 2 हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया हैं। यह हत्या लूट करते समय मृतक के विरोध के कारण हुई है। इस पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि जिस आधार कार्ड को लिए मृतक को 181 लगानी पड़ी थी वही आधारकार्ड इस काण्ड में एक अहम रोल अदा कर गया।
बीते 11 जुलाई को पोहरी के ग्राम गुढ़ा हनुमान मंदिर परिसर में स्थित कमरे से बदबू आने पर ग्रामीणों ने गांव के चौकीदार श्रीलाल परिहार के माध्यम से पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर आकर देखा तो कमरे का बाहर से ताला लगा था। और बाहर बदबू आ रही थी।
पोहरी पुलिस ने ताला तोड़कर देखा तो मंदिर के पुजारी गोपाल दास महाराज उर्फ रमेश सूर्येश पुत्र रामजीलाल उम्र 55 साल का शव खटिया पर पड़ा था। और गर्दन नीचे की तरफ लटकी हुई थी। वही पुलिस को शव तीन से चार दिन पुराना लग रहा है। पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी।
बताया जा रहा है कि मृतक पुजारी गोपाल दास महाराज गुढ़ा के हनुमान मंदिर पर हनुमानजी के मंदिर पर कई वर्षो से पूजा करते थे,गोपाल दास महाराज पर अपनी कोई पहचान के दास्तावेज नही थे,वह कई दिनो से आधार कार्ड बनवाने का प्रयास भी कर रहे थे,नही बनने पर उन्होने सीएम हैल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी।
इसी शिकायत के प्रभाव से पोहरी एसडीएम राजन बी नाडिया ने मृतक बाबा के सरकारी पहचान के दस्तावेज वोटर कार्ड समग्र आईडी,और आधार कार्ड बनवा दिए थे। बताया जा रहा हैं कि यह सभी दस्तावेज मृतक पुजारी को बैंक में खाता खोलना था इस कारण बनवाए थे। मृतक पुजारी पर नगदी थी उसे जमा करना चाहता था।
पुलिस ने जांच में पाया कि धर्मेंद्र पुत्र पक्कू कुशवाह उम्र 28 वर्ष निवासी सालोदा और हक्कू गोपी यादव उम्र 56 वर्ष निवासी हरिनिवास खेड़ा अक्सर मंदिर पर दर्शन करने आते थे और बाबा के साथ उठते बैठते थे। इन दोनो को यह जानकारी थी कि बाबा के पास कितना पैसा है।
इस पैसे के लूट के लालच में ही इन्होने पुजारी की हत्या की है। जानकारी मिल रही है कि दोनों हत्यारे पुजारी के कमरे में घुस और उसके सिर में फावड़ा मारा जिससे उसकी मौत हो गई और पुजारी के पास रखे पैसे लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने इन दोनो को राउड अप कर पूछताछ की तो उन्होंने सारी कहानी बता दी। पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
कहते है कि होनी को कोई नही रोक सकता लेकिन जब यह मामला पुलिस ने उजागर किया तो ग्रामीणों का कहना था कि पुजारी अगर 181 नहीं लगाते और आधार कार्ड नही बनता तो शायद यह मौत नहीं होती।