शिवपुरी। शिवपुरी के आसमान में पिछले 5 दिनों से बादल छाए हुए हैं कल शाम लगभग 4 बजे बादलों ने अपने बरसने का माहौल बनाया लेकिन नेताओं के वादों की तरह बरसे नही। आसमान में बादल लदे होने के कारण उमस का वातावरण बना हुआ हैं इस चुनावी माहौल में बादल भी नेताओं की तरह वादो का होर्डिंग टांगें हुए है,दिख रहे हैं पर बरस नही रहे है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि काम के अर्थात बरसने वाले बादलो ने अपना रास्ता बदल दिया हैं वह इंदौर से गुजरात पहुंच गए हैं और बरसने वाले बादल बंगाल की खाड़ी के होंगे और 12 जुलाई के आसपास बरस सकते है।
एक सप्ताह करना होगा इंतजार,बंगाल की खाडी लाऐंगें पानी भरकर
ग्वालियर-चंबल संभाग में अभी सावन की झड़ी के लिए एक सप्ताह का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि मानसून इंदौर और भोपाल होते हुए गुजरात चला गया है। ऐसे में सप्ताह भर बाद जब बंगाल की खाडी में 12 जुलाई को कम दाव का क्षेत्र बनेगा तब ग्वालियर-चंबल संभाग में सावन की झड़ी लगेगी। उस समय तक पूरे संभाग और जिले में जो भी बारिश होगी वह मानसून की ट्रफ लाइन से होगी।
इस दौरान कई जगह घुमड़-घुमड़ कर बादल तो आएंगे लेकिन कभी बरसेंगे तो कभी बिना बरसे ही चले जाएंगे। कहीं गरज के साथ सिर्फ छींटे पड़ सकते हैं तो कहीं खूब जोरदार बारिश भी हो सकती है। कुल मिलाकर अभी सावन की झड़ी लगने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा।
ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश की संभावना है
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश का कहना है कि अभी पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में ही दाब का क्षेत्र सक्रिय नहीं है। यह दाब का क्षेत्र 12 जुलाई के बाद बन सकता है। फिलहाल नीचे की तरफ दाब का क्षेत्र बना हुआ था, यही कारण है कि बादल इंदौर और भोपाल सहित आसपास के क्षेत्र में बरसने के बाद गुजरात की तरफ चले गए हैं। ऐसे में जब बंगाल की खाड़ी में कम दबाब वाला क्षेत्र बनेगा तो जिले सहित पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश की संभावना है।
उमस से बेहाल लोग
बात अगर जिले की करें तो यहां रोजाना आसमान में घने काले बादल छा रहे हैं। बारिश का पूरा माहौल बन जाता है लेकिन यहां बादल बिन बरसे ही लौट जा रहे हैं। इस कारण मौसम में उमस का माहौल है। लोग गर्मी और पसीने से बेहाल नजर आ रहे हैं। हालात यह बन गए हैं कि पंखे और कूलरों तो काम करना ही बंद कर दिया है। पंखा और कूलर चलने के बाबजूद लोगों के यहां पसीना आ रहा है।
मानसून में चुनावी मौसम मिक्स:नेताओं के वादो की तरह निकले, किसान परेशान
मौसम और बारिश की स्थिति को देखते हुए किसानों ने भी खेतों का रुख कर लिया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर किसान खेतों को आने वाली फसल के लिए तैयार कर रहे हैं। खेतों में जुताई, बुआई, गुड़ाई आदि का काम शुरू हो गया है। अब किसान को सिर्फ बारिश का इंतजार है।
कई किसानों ने प्री-मानसून की बारिश में ही बोबनी कर दी थी, उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि प्री-मानसून की बारिश के बाद बोबनी न हो पाने के कारण उनका बीज खराब हो गया। ऐसे हालातों में उन लोगों को दो-दो बार बोबनी करनी पड़ गई है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश देर से हुई तो सोयाबीन की बोबनी पूरी तरह से खराब हो जाएगी।
जिले में अभी तक 140.42 मिमी औसत वर्षा दर्ज
बात अगर अब तक जिले में हुई बारिश की करें तो जिले में 1 जून 2022 से अभी तक 142.42 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। वहीं पिछले वर्ष आज तक 98 मि.मी.औसत वर्षा हुई थी। भू-अभिलेख शिवपुरी के अधीक्षक के अनुसार जिले की औसत वर्षा 816.3 मि.मी. है।
गत वर्ष जिले में कुल 1452.9 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। उन्होंने बताया कि अभी तक शिवपुरी में 193.30 मि.मी., बैराड़ में 118.50 मि.मी., पोहरी में 186 मि.मी., नरवर में 185 मि.मी., करैरा में 53 मि.मी., पिछोर में 185 मि.मी., कोलारस 164 मि.मी., बदरवास में 101 मि.मी. तथा खनियाधाना में 78 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।