शिवपुरी। शिवपुरी में टाइगर प्रोजेक्ट आने की आहट से अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवपुरी में पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी होगी,पार्क प्रबंधन यह भी प्रयास कर रहा हैं कि जब भी कोई देशी या विदेशी पर्यटक शिवपुरी आए तो वह शिवपुरी के गुणगान करते हुए वापस जाए। इसलिए माधव नेशनल पार्क में कई सुविधाओं की बढ़ोतरी करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
माधव राष्ट्रीय उद्यान में पिछले कुछ सालों में लगातार पर्यटकों की संख्या कम हुई है। कोरोना काल के बाद तो यहां एक भी विदेशी सैलानी नहीं आया है। अब यहां पर पर्यटकों को फिर से आकर्षित करने की पूरी उम्मीदें टाइगर प्रोजेक्ट पर ही टिकी हुई हैं। राष्ट्रीय उद्यान का मूल कार्य वन्य जीव सरंक्षण है, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को अच्छा अनुभव देने के लिए अब पर्यटन की दृष्टि से भी माधव राष्ट्रीय उद्यान को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके चलते टाइगर प्रोजेक्ट के लेआउट में थोड़ा बदलाव किया है।
मई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में हुई बैठक में पार्क के अधिकारियों ने नया लेआउट प्रस्तुत किया है। इसमें टाइगर के बाड़े के साथ अब एक और बाड़ा बनाया जाएगा। इसमें चीतल और कृष्णमृग रहेंगे। दोनों बाड़ों के बीच महज 50 मीटर की दूरी ही होगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है जिससे यहां साइट सीन के लिए आने वाले पर्यटकों को टाइगर के साथ अन्य वन्यजीव भी दिखाए जा सकें। यह लेआउट दिल्ली के उच्च अधिकारियों द्वारा स्वीकृत करने के साथ ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
इसके पहले तक सफारी में लाए जाने वाले टाइगर के लिए सिर्फ एक बाड़ा ही प्रस्तावित था। पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन ने इस नए बाड़े को लेआउट में शामिल किया है। इसके साथ ही पर्यटकों को यहां आकर्षित करने के लिए कई नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। जल्द ही राष्ट्रीय उद्यान के अंदर 25 लग्जरी टेंट लगाए जाएंगे जिससे पर्यटक नाइट सफारी का लुत्फ भी उठा सकेंगे और रात जंगल में बिता सकेंगे। इसके लिए निधि स्वीकृत होते ही टेंट ऑर्डर कर दिए जाएंगे। पार्क प्रबंधन ने निधि के लिए कागजी कार्रवाई भी कर दी है।
10 टेंट सेलिंग क्लब पर और शेष लगेंगे जंगल के अंदर
प्रारंभिक तौर पर राष्ट्रीय उद्यान में 25 टेंट लगाए जाएंगे। इसमें 10 टेंट सेलिंग क्लब पर लगाने की योजना है जिससे पर्यटक रात में रुककर सेलिंग क्लब का आनंद भी ले सकें। शेष 15 टेंट के लिए जंगल में अन्य जगह चिन्हित की जा रही हैं। जंगल में लगने वाले टेंटों के चारों ओर फेंसिंग की जाएगी। साथ ही यहां पर एक सुरक्षा की दृष्टि से एक चौकीदार भी रखा जाएगा। टेंट में रुकने वाले मेहमानों को भोजन भी पार्क प्रबंधन उपलब्ध कराएगा। कूनो में इस तरह की व्यवस्था पहले से है। यह भी कुछ इसी तरह की होगी।
फब्बारे का तैयार कर रहे प्रस्ताव, चांदपाठा झील को करेगा शुद्ध
राष्ट्रीय उद्यान में आने वाली चांदपाठा झील में फब्बारे लगाने की योजना पर भी काम शुरू किया गया है। अधिकारी यहां पर म्यूजिलक फाउंटेन लगाना चाहते थे, लेकिन वन्य जीव होने की वजह से यहां संगीत या रोशनी वाला फब्बारा नहीं लगाया जा सकता है। इसके लिए यहां पर ऐसा फब्बारा लगाया जाएगा जो दिखने में आकर्षक हो, लेकिन तेज रोशनी न करता हो। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जो भोपाल में उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। यह ऐसा फब्बारा होगा जो झील के ऑक्सीजन के स्तर को भी बढ़ाएगा और पानी को शुद्ध करेगा।
हर साल घट रही पर्यटकों की संख्या, इसलिए शुल्क आधा किया अब सुविधाएं बढ़ाने पर जोर
हर साल राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या कम हो रही है। विदेशी पर्यटक तो यहां कम हो ही रहे हैं, साथ ही घरेलू पर्यटकों का रूझान भी कम हो रहा है। इस बात को देखते हुए उद्यान में प्रवेश शुल्क भी आधा कर दिया गया है। साथ ही अब यहां पर सुविधाएं बढ़ाने की पहल की जा रही है जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। इसके चलते यहां जल्द ही नाइट सफारी, कैंपिंग, नाइट स्टे, ट्रैकिंग जैसी गतिविधियां शुरू की जाएंगी।
साल --------------- देशी पर्यटक --------------- विदेशी पर्यटक
2006-07 ---------------1255 --------------- 137
2007-08 --------------- 27243 ---------------91
2008-09 --------------- 30919 ---------------77
2009-10 ---------------27069 ---------------103
2010-11 ---------------27131 ---------------110
2011-12 ---------------26276 ---------------64
2012-13 --------------- 26452 ---------------78
2013-14 --------------- 28284 ---------------37
2014-15 ---------------22416 ---------------22
2015-16 ---------------16111 ---------------04
2016-17 ---------------20405 ---------------39
2017-18 ---------------10441 ---------------32
2018-19 ---------------17126 ---------------28
2019-20 ---------------15536 ---------------09
2020-21 ---------------13039 --------------- 0
इनका कहना है..
गत दिनों बैठक में नया लेआउट प्रस्तुत किया है इसमें दो बाड़े शामिल किए हैं जिसमें एक में टाइगर रहेगा और दूसरे में शाकाहारी जीव होंगे। जब पर्यटक आएंगे तो उन्हें दोनों देखने को मिलेंगे। इसके अलावा भी कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। टेंट के लिए पूरी योजना तैयार है। इसकी राशि स्वीकृत होते ही ऑर्डर कर दिया जाएगा।
अनिल सोनी, एसीएफ माधव राष्ट्रीय उद्यान
राष्ट्रीय उद्यान में वन्य जीव सरंक्षण के साथ पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं। टाइगर प्रोजेक्ट भी प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है। कई योजनाएं पाइप लाइन हैं जिससे राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
सीएस निनामा,CCF