संतोष पोहरी@शिवपुरी। शिवपुरी शहर में स्वच्छता एवं सौंदर्यीकरण के नाम पर थीम रोड़ में डिवाइडर पर पौध रोपण का कार्य नगर पालिका शिवपुरी द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें जगह-जगह पार्क सेल्फी पॉइन्ट आदि का निर्माण भी किया जाना है। नगर पालिका के अनुसार 14 कि.मी. लम्बी थीम रोड़ 10 कि.मी. में 50 हजार पौधों का रोपण किया जाना है, जिसके लिए कृष्णा इंटरप्राइजेज को लगभग एक करोड़ रूपए में कार्य सौंपा गया है।
वर्तमान में गर्मी अपने पूरे शबाब पर हैं तापमान 44-45 डिग्री के बीच झूल रहा है ऐसे में जो दो या तीन वर्ष पूर्व पौधे लगाए गए हैं वह भी पानी की कमी के चलते संकट में हैं। ऐसे में नए पौधों का रोपण किया जाना वैज्ञानिक एवं कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उचित नहीं हैं क्योंकि गर्मी के कारण पौधों में दिए जाने वाले पानी की वास्प ऊपर उठती हैं और वह पत्तियों और तनों को क्षति पहुंचाती है।
इसी वजह से गर्मियों में पौध रोपण करने की सलाह वैज्ञानिक नहीं देते हैं बारिश के दौर में पौध रोपण किया जाना 90 प्रतिशत तक सफल होने की संभावना होती हैं जबकि गर्मी में लगाए गए पौधे बिना छांव किए और बगैर देखभाल के जीवित नहीं रह सकते। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नगर पालिका द्वारा पौध रोपण से पूर्व टेंडर जारी करने से पहले कृषि विशेषज्ञ अथवा उद्यानिकी विशेषज्ञों से सलाह क्यों नहीं ली गई।
गिट्टी एवं सख्त सतह पर रखे जा रहे हैं पौधे
पौध रोपण करने वाली फर्म के कर्मचारियों द्वारा पैसा और समय बचाने के फेर में कम गहराई पर सख्त सहत पर पौधों का रोपण किया जा रहा है। डिवाईडर के बीच में महज एक फुट गहरी मिट्टी को हटाकर ऊपरी तौर पर पौधों को रखकर मिट्टी से ढक दिया जा रहा है। जबकि वैज्ञानिक मतानुसार कम से कम 45 सेमी चौड़ाई, 45 सेमी लम्बाई एवं 45 सेमी गहराई के गड्डे खोदकर उसमें खाद एवं मिट्टी भरी जानी चाहिए। ऐसे में यदि कम गहराई एवं सख्त सहत पर पौधों को रोपा जा रहा है तो वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकते।
10 किमी में 50 हजार पौधे, चमत्कार से कम नहीं
थीम रोड पर नगर पालिका द्वारा कृष्णा इंटरप्राइजेज के माध्यम से 50000 पौधे लगाने का लक्ष्य है परंतु नगर पालिका अधिकारी के हवाले से 10 किलोमीटर में ही पौधे लगाए जाने हैं ऐसे में यदि 1 मीटर पर एक पौधा लगाया जाता है तो 10 किलोमीटर में 10000 पौधे लगेंगे प्रत्येक पार्क में 500 पौधे लगाए जाएंगे तो 10 पार्को में 5000 पौधे लगा रहे हैं अब बाकी बचे 35000 पौधे क्या धरातल पर लगाए जाएंगे या कागजों में यह समझ से परे है।
गर्मी के बीच कैसे जीवित रहेंगे नवजात पौधे
उद्यानिकी विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी के दिनों में वहीं पौधे जीवित रह सकते हैं जिनमें दूध अथवा लेटेक्स बनता है ऐसे पौधों में बरगद, पीपल, कनेर, चम्पा एवं उष्णकटिबंधीय प्रजाति के कांटेदार पौधे जो अधिक गर्मी को सहन करने के लिए ही विकसित हुए हैं वहीं जीवित रह सकते हैं। ऐसे में जिस प्रजाति फाइकस नूडा और डेट पाम के पौधे नगर पालिका द्वारा रोपे जा रहे हैं वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते।
इनका कहना है
थीम रोड़ के बीच डिवाईडर में पौधा रोपण एवं देखरेख का कार्य टेंडर लेने वाली फर्म का है वही पौधों को पानी एवं उनकी देखरेख एक वर्ष तक करेगी।
शैलेष अवस्थी,सीएमओ
45 डिग्री तापमान में किया जा रहा पौध रोपण सफल होने की संभावना काफी कम है क्योंकि गर्मी से पानी भाप बनकर पौधों की पत्तियों एवं शाखाओं को ही नुकसान पहुंचाता है।
सुरेश सिंह कुशवाह,सहायक संचालक उद्यानिकी,शिवपुरी।