शिवपुरी। सरकार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए अटैचमेंट जैसा नियम बनाया होगा कि तत्काल कोई जनहित में सरकारी काम की व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्मचारी से काम लिया जाए। अब यह व्यवस्था उन कर्मचारियों के लिए अधिक बलशाली हो गई जो काम ही नही करना चाहते है।
सबसे अधिक अटैचमेंट ग्रामीण इलाको में देखने को मिलते हैं कि पोस्टिंग किसी गांव में है और अटैचमेंट घर के पास बने सरकारी कार्यालय में है। इस पूरे प्रकरण को एक शब्द में लिखने की कोशिश करे तो यह लिख सकते है कि मूल काम को छोडकर आराम वाली कुर्सी को तोडना।
जिले का स्वास्थ्य विभाग इस समय अटैचमेंट के रोग से ग्रसित हो चुका है। जिसके कारण कई स्वास्थ्य केंद्रों की हेल्थ खराब हो गई है। हालात यह हैं कि कोई भी स्वास्थ्यकर्मी अपनी मूल पदस्थापना पर काम करने ही नहीं जाना चाहता है, फिर चाहे वह डॉक्टर हो या फिर नर्स अथवा कोई अन्य।
बात अगर स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट की करें तो यहां कागजों में तो अटैचमेंट समाप्त हो चुके हैं लेकिन धरातल पर कर्मचारी जहां की तहां अटैच हैं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से पत्र भी जारी हो चुके हैं, लेकिन ब्लॉक स्तर पर इन अटैचमेंट को समाप्त नहीं किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ वीरेंद्र रघुवंशी ने भी बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते कोलारस विधानसभा में अटैचमेंट की जानकारी भी मांगी। इसी के चलते गुरूवार को सीएमएचओ ने सभी बीएमओ को उनके यहां अटैच स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की स्थिती स्पष्ट करने की बात कहते हुए जानकारी देने को कहा है।
इन बिंदुओं पर देनी होगी जानकारी
माह नवम्बर एवं दिसम्बर 2015 के वेतन भुगतान देयकों की फाइल।
समस्त अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी एवं संलग्नीकरण के आदेश की छायाप्रति
समस्त अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी जिसमें उनके मूल कार्य के अतिरिक्त कार्य लिया जा रहा है, उक्त आदेश की छायाप्रति
इनका कहना है
हमारे यहां से लगातार अटैचमेंट समाप्त करने के संबंध में आदेश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन फील्ड में कई जगह जानकारी छिपाने जैसी स्थिति बनी है। इसी के चलते हमने सभी बीएमओ से जानकारी मंगाई है। जानकारी सामने आने के उपरांत सभी अटैचमेंट समाप्त करने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
डॉ पवन जैन,सीएमएचओ