शिवपुरी। माधव चौक चौराहे से गांधी चौक पर आते हैं तो गांधी चौक से टेकरी की ओर एक सड़क गई हैं। इस बाजार का नाम सदर बाजार हैं। यह शिवपुरी का मुख्य व्यापार वाला बाजार हैं। इस बाजार में आजादी से पूर्व से व्यापार होता आया है। सवाल यह है कि इस बाजार का नाम या इस सड़क का नाम सदर बाजार क्यों रखा गया।
दिल्ली,आगरा,मुरैना,शिवपुरी,सहित देश के महानगरों में सदर बाजार है और यह बाजार शहर के बीचो बीच स्थित हैं या यू कह लो आजादी से पूर्व जहां आबादी थी और बाजार था उस जगह का यह बाजार स्थित है। लेकिन सवाल अभी भी बना हैं कि सदर का क्या मतलब होता है।
इस सवाल की खोज सबसे पहले हिन्दी के अर्थ से की। हिन्दी में जब सदर का क्या अर्थ होता है वह समझा गया सदर बाजार के अर्थ होते हैं मुख्य बाजार,बड़ा बाजार,खास बाजार और छावनी का बाजार। अगर इन शब्दों पर गौर करे तो बड़ा बाजार पुरानी शिवपुरी में हैं तो इसका यह मतलब नही हो सकता। मुख्य बाजार के अर्थ की बात करे तो आजादी से पहले शहर में इतने बाजार नही थे तो मुख्य बाजार नही हो सकता।
अब छावनी का बाजार की बात करे तो यह अर्थ यह फिट हो रहा है क्यों की सदर बाजार से कुछ ही दूरी पर छावनी बसी है। यह पुरानी बसाहट हैं हो सकता है कि इस छावनी के कारण ही इसका नाम सदर बाजार रखा गया होगा।
इस सवाल को लेकर हम सदर बाजार में गए कुछ दुकानदार के पास जवाब नही था। सदर बाजार में स्थित प्रेम रस्सी वाले के संचालक विजय जैन ने बताया कि सटीक जानकारी नही है लेकिन इस रोड के बुर्जगो के मुंह से सुनी हैं कि किसी बड़ी चीज का अनुसरण किया जाता हैं दिल्ली के सदर बाजार का अनुसरण करते हुए इस बाजार का नाम सदर बाजार रखा गया है।
सदर बाजार में मुख्य किराने की दुकाने,कपडे की दुकाने,सोने चांदी का कारोबार होता है। इस बाजार में सबसे पुरानी दुकान मंगल किराना है जो सन 1940 से हैं,अब इस दुकान पर चौथी पीढ़ी व्यवसाय कर रही है। शहर की प्रसिद्ध नत्थू हलवाई की दुकान जिसे शर्मा मिष्ठान भंडार के नाम से भी जाना जाता है।
वही पुरानी दुकानों मैं.कानमल सेठ सोने चांदी की व्यवसाय,मैं.टोडरमल सेठ सोने चांदी का व्यवसाय,शिव आयरन और सेठ प्रसादी लाल की दुकान बातो में यह भी बताया गया कि शिवपुरी में 52 कुंड हैं पर सेठ प्रसादी लाल पर उस समय शहर में 108 मकान थे।
इस बाजार में मुरली मनोहर जी का मंदिर और नरसिंह भगवान का मंदिर है। कुल मिलाकर छाबनी के नजदीक होना और कोई बडे शहर के बाजारो के नाम अनुशरण के कारण ही इस बाजार का नाम सदर बाजार पडा होगा।