शिवपुरी। शहर के गुना बाईपास पर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया के एक गोदाम में आधी रात आग लग गई और सुबह तक वह बेकाबू हो गई। सुबह जब लोग सोकर उठे तो उन्होने आग लगी देखी और कंट्रोल रूम को फोन किया किया लेकिन कंट्रोल रूम से कोई मदद नही मिली। इसके बाद ITBP के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए आग पर काबू किया। यदि इस पर काबू नहीं पाया जाता तो पूरा इंडस्ट्रियल एरिया जलकर खाक हो सकता था क्योंकि पास में ही रूई और अनाज के गोदाम थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया में अलग-अलग तरह का व्यापार करने वालों की इंडस्ट्रीज और गोदाम हैं। वहीं गौशाला जाने वाले रास्ते पर कुछ कबाड़ा कारोबारियों ने भी अपने गोदाम बना रखे हैं। गोदाम के बाहर भी काफी कबाड़ पड़ा हुआ है। रविवार सुबह इस कबाड़ में अज्ञात कारणों से आग लग गई। देखते ही देखते आग इतनी भीषण हो गई कि आसपास धुंए के बादल छा गए। जब लोगों ने धुंआ उठते देखा तो मौके पर जाकर देखा वहां आग भड़क रही थी। लोगों ने बाल्टियों में पानी भर-भर कर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग नहीं बुझ पाई। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को भी फोन पर सूचना दी।
पुलिस कंट्रोल रूम से आश्वासन मिला कि वह नपा को बताकर फायर बिग्रेड भिजवा रहे हैं, लेकिन एक घंटे तक मौके पर फायर बिग्रेड नहीं पहुंची। अंततः किसी व्यक्ति ने आइटीबीपी के सूबेदार को फोन पर सूचना दी जिस पर वह अपने जवानों को लेकर वहां पहुंचे। लोगों ने उन्हें बताया कि फायर बिग्रेड को फोन तो कर दिया है लेकिन फायर बिग्रेड आई नहीं है। अंततः आइटीबीपी कैंपस के अंदर से पानी का टैंकर बुलाया गया और आइटीबीपी के जवानों ने टैंकर से पानी डालकर आग पर काबू पाया।
एक स्टॉल, ट्रॉली के टायर जले, कार बाल-बाल बची
इस आगजनी में वहां रखी एक स्टॉल, एक ट्रॉली के टायरों सहित वहां रखीं सीटें व काफी अन्य सामान जलकर खाक हो गया। एक कार वहां अच्छी हालत में रखी हुई थी। आग की लपटें कार तक पहुंच गईं, लेकिन तभी आइटीबीपी जवानों ने लोगों को समझाया कि पानी कार की तरफ बढ़ रही आग पर डालो क्योंकि और सामान तो जल गया है। लोगों ने वहां पानी डाला लेकिन आग काबू नहीं हुई। इसी दौरान आइटीबीपी के पानी का टैंकर मौके पर पहुंच गया और जवानों ने दो टोंटियां चालू कर आग पर काबू पाया।
बड़ा हादसा बन सकती थी लापरवाही, जल जाता पूरा क्षेत्र
यदि मौके पर आइटीबीपी के जवान नहीं पहुंचे होते तो यह आग और भी भीषण रूप धारण कर सकती थी, क्योंकि जहां आग लगी थी वहां और भी वाहन तथा अन्य कबाड़ का सामान पड़ा हुआ था। पास ही अनाज और रूई आदि के गोदाम भी थे। आग की लपटें या कोई तिलंगा वहां तक पहुंच जाता तो यह आगजगी और भी भीषण रूप धारण कर सकती थी। इसके अलावा इस क्षेत्र तेल के कारखाने में भी हैं। यहां आसपास पूरी ऐसी चीजें थीं जिनमें आग जल्दी भड़कती है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदारों को सूचना होने के बाद भी फायर बिग्रेड नहीं पहुंची।