कोलारस। केन्द्रीय सहकारी बैंक के पूरे सिस्टम को हिलाने वाले बैंक के चपरासी राकेश पाराशर 84.52 करोड़ का गबन के मामले में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार भी हो चुका है। अब राकेश पाराशर की संपत्ति कुर्क कर वसूली की प्रक्रिया शुरू हैं।
इसी प्रक्रिया के तहत राकेश पाराशर की बसे जब्त की थी जिन्हें पाराशर फ्लोर के मिल के पीछे स्थित मैदान में खडी थी इन बसों में 2 बसों के गायब होने की सूचना मिल रही हैं पुलिस को इस जब्त सरकारी संपत्ति के चोरी होने की सूचना भी नही थी।
सहकारी बैंक गबन के खुलासे के बाद से राकेश पाराशर का परिवार गायब है। पुलिस शनिवार को राकेश पाराशर के मुनीम और नौकरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुकी है। जबकि राकेश पाराशर की बेटे भाई सहित अन्य सदस्यों के खिलाफ अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है। पुलिस पहली एफआईआर में अभी विवेचना पूरी नहीं कर पाई है, 80.52 करोड़ के गबन मामले में अभी कार्रवाई होना बाकी है। बता दें कि सहकारी बैंक में गबन के चलते पूरे जिले के किसानों को अपने ही खातों में जमा करें निकालने के लिए काफी परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
वही इस घोटाले को अंजाम देने वाले राकेश पाराशर के परिवार के नाम पर जो भी संपत्ति मिल रही हैं उसको जब्त किया गया हैं लगभग साढ़े 4 करोड़ से अधिक ही संपत्ति जब्त की जा चुकी है। रामेश्वर धाम के नाम संचालित बसों को भी प्रशासन ने जब्त किया था। इनमे से कुछ बस कोलारस में खडी थी इनमें से 2 बस गायब हो चुकी है।
बताया जा रहा हैं कि ग्वालियर का बस मालिक तोमर चुपके से आया और दो बसों को उठाकर ले गया। पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं लग पाई। जैसे ही बसें गायब होने का हल्ला हुआ तो पुलिस ने संपर्क साधा। बस मालिक से बातचीत की तो उसने बसें उठाना स्वीकार किया। बसें वापस रखवाने के लिए ग्वालियर से शिवपुरी ला रहा है।