बैराड़। जिले के बैराड़ थाना अंतर्गत ग्राम बनेहरा खुर्द में आदिवासी की जबरन बटाई कर 8 बीघा भूमि पर खड़ी फसल हड़पने और बटाई का हिस्सा ना देने का मामला सामने आया है। सहरिया क्रांति सदस्यों के साथ ग्राम बनेहरा खुर्द निवासी हरज्ञान आदिवासी ने प्रशासन को दिए शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि गांव का राजू रावत सरकारी दस्तावेजों में खुद को उसका बेटा बता कर पूरी फसल काट ले गया।
पहले तो 3 साल पूर्व राजू रावत ने अपनी दबंगई दिखाते हुए उसकी खेती ले ली और फिर जब उसने फसल में अपना हिस्सा मांगा तो हरज्ञान आदिवासी को राजू रावत ने यह कहकर बरगलाने का प्रयास किया कि कागजों में उसने उसे गोद लिया है इसलिए सरकारी दस्तावेजों में वह उसका बेटा है जिसके चलते खेती पर उसका अधिकार है। गरीब बुजुर्ग हरज्ञान आदिवासी का कहना है कि राजू रावत का उससे कोई नाता रिश्ता ना तो था और ना है।
वह उससे कोई संपर्क भी नहीं रखना चाहता फिर भी दबंगई दिखा कर उसकी 8 बीघा भूमि को जबरन अपने कब्जे में लेकर खेती कर रहा है और उसे एक दाना भी नसीब नहीं हो पा रहा। हरज्ञान आदिवासी की बीमार पत्नी है उनके कोई औलाद भी नहीं है। हरज्ञान ने बताया कि उसकी 8 बीघा भूमि पर 3 वर्ष पूर्व राजू रावत निवासी माता का बिलबरा थाना बैराड़ ने जबरन बटाई पर कृषि कार्य शुरू कर दिया था और यहां तक कहा था कि आधी फसल वह हरज्ञान को देता रहेगा लेकिन बदले में ना तो फसल दे रहा और ना ही भूमि पर कब्जा छोड़ रहा। खुद को जबरन कागजों में हर ज्ञान का बेटा होने की बात कहता है।