संजीव जाट बदरवास। बदरवास लगातार असुविधा व व्यापारियों के पलायन से बदरवास कृषि उपज मंडी में अब किसान फसल बेचने के लिए आना पसंद नहीं कर रहे। मंडी में न तो पीने के लिए पानी मिलता और न ही शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा है। हालात यह है कि जो कृषि उपज मंडी ग्वालियर चंबल सम्भाग में डबरा, अशोकनगर के बाद आती थी, वहां अब न के बराबर किसानों व व्यापारियों की आमद है। इससे एक तरफ शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही हैं। वहीं किसानों को भी परेशानी का समाना करना पड रहा हैं।
यह बोलता हैं मंडी रिकार्ड
रिकॉर्ड के अनुसार देखा जाए तो 50 व्यापारी का रजिट्रेशन है, जबकि खरीददारी करने मात्र 10 व्यापारी ही आते है। स्थिति यह है कि मंडी का कार्यालय ही सुबह 11 बजे खुलता है। इसके बाद ही व्यापारी आते हैं। इधर किसान सुबह 6 बजे से अपनी फसल लेकर मंडी पहुंच जाते हैं। ऐसे में किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। शुक्रवार को हालात यह रहे कि मंडी में 50 से अधिक ट्रैक्टर लाइन में लगे थे और कार्यालय का ताला बंद था। राजस्व का नुकसान हो रहा है तो सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते है कृषक
ना पानी की सुविधा न चालय की सुविधा से आकर यहां इस इंतजार में बैठे रहते हैं कि व्यापारी आएंगे और कार्यालय • खुलेगा तब हमारी फसल की बोली लगेगी। हालात बहुत खराब हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।
नेपाल सिंह कृषक बड़ी घुरबार
टैक्स पूरा लेते हैं और सुविधा कोई नहीं है। व्यापारी हमसे • माल खरीद लेते हैं लेकिन भुगतान समय पर नहीं करते। ऐसे में परेशान होना पड़ता है।
नंदकुमार यादव कृषक
रजिस्ट्रेशन 50 लेकिन खरीदारी करते हैं 10 व्यापारी
बदरवास कृषि उपज मंडी में अगर देखा जाए तो कृषि उपज मंडी में व्यापारी खरीदारों का रजिस्ट्रेशन 50 है और जबकि खरीदारी करने 10 ही आते हैं। ऐसे में किसानों का माल समय पर बिक नहीं पाता और वह परेशानी में रहते है। मंडी में सुविधाएं न होने के फेर मंडी की आय पूरी तरह से गिर गई और संभाग में तीसरा स्थान रखने वाली मंडी का कोई स्थान नहीं रहा।
बोले जिम्मेदार
में दिखवाता हूं, अगर ऐसा है तो गलत है। रजिट्रेशन 50 व्यापारियों का है और खरीददारी 10 करने आते हैं तो इसकी भी जांच करवाता हूं। जो व्यापारी मंडी नहीं आता है उसका रजिट्रेशन निरस्त होगा।
ब्रज विहारी श्रीवास्तव, प्रशासक एव एसडीएम कोलारस