संतोष शर्मा शिवपुरी। मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा पुरानी आबकारी नीति का पुन: बहाल करने से न केवल राजस्व में वृद्धि हो रही अपितु शराब माफियाओं का एकक्षत्र राज भी समाप्त हो जायेगा, वर्ष 20-21 में समूह बनाकर दुकानों की नीलामी की गई थी इनकी नीलामी सोम ग्रुप का मिली थी। कुछ माह तक दुकानों को सोम ग्रुप ने संचालन किया था,लेकिन स्थानीय ठेकेदारो से त्रस्त आकर सोम ग्रुप ने यह दुकाने स्थानीय ठेकेदारो को ही संचालन के लिए दे दी थी। इन ठेकेदारों ने अपनी मर्जी से एफआरपी से अधिक मूल्य में शराब का विक्रय किया था।
इस वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी आबकारी नीति को पुन: बहाल कर दिया है जिससे सरकार का न केबल अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है बल्कि प्रतिस्पर्धा के चलते शराब के दामों में भी नियंत्रण रहेगा।
जानकारी के अनुसार अकेले शिवपुरी जिले में पिछले वर्ष 113 दुकानों का एक समूह बनाकर नीलामी की गई थी परंतु इस बार छोटे—छोटे 33 समूह बनाकर उनकी ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें अभी तक 12 समूह की 39 दुकानों की सरकारी बोली 82 करोड़ की तुलना में 93 करोड़ का राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ है।
आगामी 24 फरवरी को 21 समूह की 74 दुकानों की नीलामी का टेंडर खोला जायेगा। इस बार अलग अलग शराब कारोबारियों द्वारा दुकानों के समूह लेने से प्रतिस्पर्धा का माहौल है जिससे शराब ठेकेदारों की मनमर्जी नहीं चल पाएगी साथ ही अधिक दामों पर मदिरा विक्रय पर भी लगाम लगेगी।
इनका कहना है
ईटेंडर के माध्यम से बोली की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है आगामी 24 फरवरी को सभी शेष बचे समूहों की निविदा खोली जायेगी।
वीरेन्द्र धाकड़,जिला आबकारी अधिकारी शिवपुरी