राहुल जैन रूद्र@ शिवपुरी। कहते जोडिया उपर वाला बनाता हैं और अच्छी जोडिया किस्मत से बनती हैं,लेकिन यहां जोडिया नीचे वाले बना रहे है,लेकिन इस जोडी के बनने के लिए अच्छी किस्मत होनी चाहिए। जोडिया लगाने वाले के बर्तन बिक रहे हैं,और जोडिया लगवाने वाले के यहां चांदी के बर्तन खरीदे जा रहे हैं हां सही पहचाना हम सट्टे की जोडियो की बात कर रहें। जिले में सट्टे का दशानन फल फूल रहा हैं,पुलिस राम की भूमिका मे नही हैं बल्कि कलयुगी विभीषण की भूमिका में अवश्य है।
जानकारी के अनुसार जिले में 612 ग्राम पंचायते हैं और लगभग 1200 से अधिक गांव हैं। सट्टे जैसी बुराई जिले के प्रत्येक गांव में फैल चुकी है। दुनिया के लगभग सभी काम ऑनलाइन होने के कारण इस काम को भी ऑनलाइन आसानी से किया जा रहा है। जिले का ऐसा एक भी गांव नही बचा होगा जहां सट्टे का कारोबार नही किया जा रहा होगा।
बताते हैं कि लगभग 1 साल पूर्व शहर में थाने के हिसाब से एक बड़े सट्टे की लाईन लगवाने वाले का नाम होता था। इस बुराई को पूरी ईमानदारी से भलाई के साथ किया जाता था कहने का सीधा सा अर्थ हैं कि सटोरियों ने भी अपना काम थाना सीमा के हिसाब से बाट रखा था लेकिन अब ऐसा नही हैं सटोरियों ने अब सिंडीकेट बना लिया हैं शहर में जितने भी बडे नाम थे अब मिलकर ही काम कर रहे है। अभी मीडिया ने इस प्रकार की खबरे भी प्रकाशित की थी।
खचेरा है शिवपुरी शहर का सट्टा किंग
मीडिया अगर सट्टे की खबर बनाती हैं तो शहर के सट्टा किंग खचेरा का नाम आता हैं लेकिन खचेरा के अलाबा शहर में कई ऐसे सट्टा किंग है जो अपनी धाक पूरे जिले में जमाए बैठे है। इन सटोरियों से जिले का ऐसा कोई भी गांव अछूता नहीं है जहां इन्होंंने अपने काउण्टर न खेल रखे हो। शहर की बात करें तो शिवपुरी शहर में फिजीकल क्षेत्र में रहने बाला खचेरा हमेशा ही सुर्खियां बटौरता रहता है। हालात यह है कि उपर से नीचे तक लिफाफा पहुंचते ही सब अपनी आंखे बंद कर लेते है। परंतु यह सट्टा किंग दिन दूना रात चौगना तरक्की कर रहा है।
बडे बडे काण्ड घंटों में ट्रेस,लेकिन सट्टा बंद नही करा सकी पुलिस
वैसे तो शिवपुरी पुलिस कप्तान की कार्यशैली और कार्यकुशलता किसी से छिपी नहीं है। फिर चाहे शिवपुरी का एटीएम लूट हो कांड हो या फिर बदरवास लूट कांड। शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चन्देल के निर्देशन में जो भी कार्यवाही हुई वह चंद घंटों में ही सफलता की इबारत लिख गई। लेकिन सट्टे को लेकर इस पुलिस को क्या हो जाता है समझ से परे हैं।
जब भी खबरें प्रकाश में आती है यह सटौरिया ही अपने किसी एक गुर्गे को महज कुछ रूपयों के साथ थाने भेज देता है और पुलिस खाना पूर्ति के लिए इस गुर्गे पर कार्यवाही कर एसपी को अबगत करा देते है कि हमने इस सटौरिए पर कार्यवाही की है। अगर पुलिस इस सटौरियों पर लगाम लगाने का प्रयास करें तो यह पूरी तरह बंद हो सकता है। जिससे जिले में सैंकडों घर बर्वाद होने से बच सकते है।
ऐसे लिखा गया सट्टे का दशानन
सट्टे के दशानन इस लिए लिखा गया कि रावण के सिर कटते ही दुसरा सिर आ जाता था वह सिर काटने पर भी नही मरता था। ऐसे ही पुलिस किसी भी सट्टोरियो का पकडती हैं सट्टा किंग उस काउंटर पर किसी दूसरे आदमी अपना कमान संभालने आ जाते हैं। पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से अपनो बाणों का इस्तेमाल भी नही करती हैं क्योंकि वह राम की नही कलयुगी विभीषण की भूमिका में है।