शिवपुरी। जिले भर में उप स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाए गए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 150 सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की नियुक्ति इस उद्देश्य के साथ की गई कि वहां रोजाना ओपीडी हो सके। मरीजों को छोटी-मोटी बीमारी का उपचार वहीं पर मिल सके।
जिले भर में उप स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाए गए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 150 सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की नियुक्ति इस उद्देश्य के साथ की गई कि वहां रोजाना ओपीडी हो सके। मरीजों को छोटी-मोटी बीमारी का उपचार वहीं पर मिल सके। पिछले करीब एक साल से यह सीएचओ अपने कार्य को अंजाम देने के साथ-साथ कोविड संक्रमण के दौर में भी विभाग के कर्मचारियों के साथ काम करते रहे।
अब इन सीएचओ को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन ने घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनवाने की ड्यूटी सौंप दी है। सीएमएचओ के इस आदेश से सभी सीएचओ में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो गई है। सोमवार को जिले भर के सीएचओ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के नाम ज्ञापन सौंप कर इस कार्य का विरोध दर्ज कराया।
सीएमओ का कहना था कि अगर वह घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनवा देंगे तो फिर स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी और मरीजों का उपचार कैसे हो सकेगा। हालांकि दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के ऊपर भी लगातार आयुष्मान कार्ड बनाने का टारगेट पूरा करने का दबाव है और अमला सीमित है। ऐसे में विभाग के अंदर ही हो रहा विरोधाभास योजनाओं के लिए मुसीबत बन सकता है।
रोजगार सहायक व अन्य कर्मचारियों का है काम
सीएचओ का कहना है कि आयुष्मान कार्ड बनवान का काम ग्राम रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का है और वह इस कार्य को पूर्व से करते आ रहे हैं क्योंकि उनका कार्य इस तरह का है कि वह प्रत्येक घर और परिवार से परिचित हैं। यह कार्य वह आसानी से कर भी पा रहे हैं। बकौल सीएचओ वह गांव के लोगों से परिचित तो हैं नहीं ऐसे में वह आखिर कैसे घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनवा पाएंगे।
कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद अपनी समस्या को लेकर सभी सीएचओ सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे ताकि वह डॉ पवन जैन को अपनी परेशानियों से अवगत करा सकें और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन भी सौंप सकें। सीएचओ का कहना है कि वह घंटों तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में खड़े रहे लेकिन सीएमएचओ ने उनसे मिलना और उनकी बात सुनना तक मुनासिब नहीं समझा।
हमारा कार्य प्रभावित होने से होगा नुकसान
सीएचओ के अनुसार उन्हें फिक्स वेतन के अलावा 15 हजार रुपए कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलते हैं। अगर वह आयुष्मान कार्ड बनवाने में लग जाएंगे तो उनका कार्य प्रभावित होगा, जिससे परफॉर्मेंस गिर जाएगी और उन्हें 15 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाएगी। इसके अलावा हाल ही में एनएचएम के अधिकारियों द्वारा ली गई व्हीसी में उन्हें स्पष्ट रूप से अपने काम पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं।