संतोष शर्मा, शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका एवं बिजली कंपनी के अधिकारियों के बीच बिलों को लेकर सामंजस्य न बनने के चलते आज विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों ने नगर पालिका कार्यालय की बिजली कनेक्शन काट दिया जिससे कार्यालय में सारे काम खत्म हो गए और अंधेरा व्याप्त हो गया।
प्रदेश स्तर पर शासन ने यह तय किया कि विद्युत कंपनी का जो बकाया नगरीय निकायों पर निकल रहा होगा उसे शासन सीधे विद्युत विभाग को भुगतान करेगा और शासन इस राशि को नगरीय निकायों पर लोन मानकर उस राशि की भरपाई हर माह चुंगी क्षतिपूर्ति की जो राशि शासन को नगरीय निकायों को देना होती हैं उससे प्रतिमाह कुछ प्रतिशत काटकर करेगा। शासन की यह योजना शिवपुरी नगर पालिका के लिए गले की हड्डी बन गर्ई।
विद्युत विभाग ने शिवपुरी नगर पालिका पर 21.5 करोड़ की विद्युत राशि निकालकर इस राशि को प्राप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया। जब यह आंकड़ा शिवपुरी नगर पालिका के सीएमओ शैलेश अवस्थी ने देखा तो उन्होंने महकमे के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों को बिठाकर बिलों की समीक्षा कराना शुरू कर दी।
शुरूआती दौर में ही सीएमओ को यह समझ में आ गया कि बिजली विभाग 21.5 करोड़ की बड़ी राशि मनमाने अंदाज में आंकड़ों में रखकर नगर पालिका का आर्थिक शोषण करना चाहता हैं। इस तथ्य के साथ ही सीएमओ ने बिजली विभाग के अधिकारियों को तथ्यात्मक तौर पर आंकड़ों में यह बताना शुरू कर दिया कि 21.5 करोड़ की राशि आपकी बनती नहीं है। सीएमओ के बौद्धिक से वैचारिक रूप से विवश बिजली विभाग ने आज नगर पालिका कार्यालय की लाइट काटकर अपनी दम दिखा दी।
आज मंगलवार 4 बजे सीधे बिजली विभाग के कर्मचारी आए और बिजली काटकर नगर पालिका को यह संदेश दे गए कि अगर 21.5 करोड़ के आंकड़े पर आनाकानी की तो अंजाम यही होगा। बिजली कटने के बाद भी सीएमओ शैलेश अवस्थी और पूरी नगर पालिका इस तथ्य पर अड़ी हुई हैं कि वह अनुपातिक और मनमाने बिजली के बिलों के नाम पर नगर पालिका को लुटने नहीं देंगे उनका दावा है कि यदि नियमानुसार बिजली विभाग बकाया निकालेगा तो वह 3-4 करोड़ से अधिक नहीं होगा।
कई बैठक रही बेनतीजा
21.5 करोड़ की बसूली सीधे शासन से प्राप्त करने के लिए बिजली विभाग ने हर संभव प्रयास किए इन प्रयासों में शिवपुरी नगर पालिका के अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी की गई आज विकास प्राधिकरण कार्यालय में भी दोनों विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में लम्बी बातचीत चली लेकिन वह भी बेनतीजा सिर्फ इसलिए रही क्योंकि बिजली विभाग का मानना था कि राशि के आंकड़े में नगर पालिका नाहक ही ना नुकर कर रही हैं जबकि पैसा सीधा शासन दे रहा है इससे इतर नगर पालिका का कहना यह था कि शासन जो पैसा सीधे बिजली विभाग को देगा वह बाद में चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से काटेगा ऐसी स्थिति में नगर पालिका विकास कार्यों के साथ-साथ अधिकारी कर्मचारियों के वेतन के लिए भी बहुत हद तक मोहताज हो जाएगी।
6 करोड़ घटाने पर तैयार बिजली विभाग
21.5 करोड़ की बसूली पर नगर पालिका सीएमओ के तेवर और बौद्धिक देखकर बिजली विभाग एक हद तक सदमे में आ गया। स्थिति तब बिजली विभाग के प्रतिनिधियों को हैरान कर देने वाली साबित हुई जब नगर पालिका के अकाउंटेंट ने पुरानी वैलेंस सीट (लेजर) सामने रखकर यह आंकड़ों में दिखा दिया कि 21.5 करोड़ के बकाया बिलों में से जो राशि मांगी जा रही है वह दस्तावेजी तौर पर उचित नहीं है इस तथ्य को बिजली विभाग ने स्वीकार किया और एक साथ 6 करोड़ की राशि घटाने पर वह तैयार हो गया। इस पर भी बात इसलिए नहीं बनी क्योंकि सीएमओ और नगर पालिका के अन्य अधिकारियों के प्रस्तुतीकरण के आधार अनुसार वास्तविक राशि 3-4 करोड़ से अधिक नहीं हैं।
आंकलित और मनमाने विद्युत बिल बने बड़े कारण
21.5 करोड़ की बसूली के लिए अडऩे और फिर 6 करोड़ घटाकर 15.5 करोड़ वसूलने के लिए बिजली काटकर दम दिखा रहे विद्युत विभाग के आंकलित और मनमाने बिल विवाद की बड़ी वजह है नगर पालिका के सीएमओ ने दस्तावेजी तौर पर दिखाया है कि जो ट्यूबवेल नगर पालिका के रिकार्ड में और भौतिक तौर पर उनकी स्थापना स्थल पर बंद है उनके बिल भी लगातार विद्युत महकमा दे रहा है उन बिलों की राशि भी बकाए में जोड़ी जा रही है जो गलत है।
आपत्ति इस तथ्य को लेकर भी हैं कि जिन ट्यूबवैलों में 5 हॉर्स पावर की मोटर लगी है उनका बिल भी 12.5 और 15 हॉर्सपावर के अनुसार दिया जा रहा है जो गलत है सीएमओ शैलेष अवस्थी 5 हॉर्स पावर की मोटर एक ट्यूबेल पर अगर 6 से 8 घंटे चलती है तो उसका बिल 3.5 हजार रुपए आएगा जबकि दिया 12 हजार का दिया जा रहा है जो गलत होने के साथ-साथ असहनीय हैं।
बिजली कटने से ठप्प नगर पालिका का कामकाज
बकाया की बसूली के लिए बिजली विभाग ने नगर पालिका की बिजली आज मंगलवार को कार्यालयीन समय में 4 बजे काट दी बिजली कट जाने से नगर पालिका के कम्प्यूटर बंद हो गए कई कक्षों में अंधेरा गहरा गया इस वजह से नगर पालिका के कामकाज ठप हो गए। नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों का कहना था कि बिजली विभाग मनमानी पर उतर आया हैं बिना नोटिस और बिना किसी चेतावनी के नगर पालिका का कामकाज ठप किया गया हैं। यही नहीं यह धमकी भी दी जा रही है कि आने वाले कल में ट्यूबवैलों की लाइट का दी जाएगी।
इनका कहना हैं।
पिछले 15 दिनों से लगातार नगर पालिका अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा था परन्तु उनके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया इसलिए नगर पालिका कार्यालय की बिजली काट दी गई है और आगामी 24 घंटे में बिल जमा नहीं किया गया तो स्ट्रीट लाइट और ट्यूबवैलों की लाइट भी काट दी जाएगी।
नितिन डोंगर,डीई विद्युत वितरण कंपनी