लूटेरे विभाग का आतंक: नपा की 4 दिन से कटी है लाइट, अब ट्यूबवेलों की भी काट दी, कलेक्टर है जब प्रशासक - Shivpuri News

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शिवपुरी।
मप्र शासन का शासकीय मान्यता प्राप्त विभाग लुटेरे विभाग के कारण शहर का इज्जतदार लोग तो परेशान है अब साथ में अब सरकारी विभाग भी इस लुटेरे विभाग का आतंक झेल रहे हैं,पुलिस से तो बदमाश परेशान होते हैं लेकिन इस बिजली विभाग से तो एक आम नागरिक भी परेशान हैं हद तो जब हो गई जब नगर पालिका के मनमाने बिल के कारण एक सरकारी विभाग भी परेशान हो गया उसके कार्यालय की भी मंगलवार से लाईट का दी गई। अब शहर के बोरो कीे भी लाइट काट दी गई हैं,जब ऐसे समय में जब जिले के जिला दंडाधिकारी नगर पालिका के प्रशासक है।

ऐसे समझे मामले को

मंगलवार के दिन बिजली कंपनी शिवपुरी ने नगर पालिका शिवुपरी से 16.5 करोड़ की बकाया राशि की डिमांड की,बकाया‎ बिजली बिल जमा करने की जिद‎ पर अढ़े कंपनी के अधिकारियों ने‎ आखिरकार दोपहर 3 बजे नपा‎ दफ्तर की बिजली काट दी। जिससे नगर पालिका का कामकाज ठप्प हो गया। सीएमओ शैलेश‎ अवस्थी का कहना है कि कंपनी‎ वाले पहले 21.50 करोड़ का‎ बिल लेकर आए थे।

हमारे‎ आंकलन के अनुसार मात्र 3.30‎ करोड़ बिजली बिल होना चाहिए।‎ कंपनी वालों का बिल 21.50‎ करोड़ से घटकर 17.65 करोड़‎ आ गया, यानी कहीं ना कहीं‎ कंपनी ही गलत है। कुल मिलाकर‎ बकाया बिजली बिल को लेकर‎ नगर पालिका और बिजली कंपनी‎ आमने सामने आ गए हैं,कलेकटर नगर पालिका शिवुपरी के प्रशासन हैं इस कारण उन्होने कहा कि इस विवाद के टेबिल पर सुलझाए।

यहां भी नही रूका इस लुटेरे विभाग का आतंक

अभी यह मामला सुलझा ही नही की बिजली विभाग ने जन-हित की परवाह किए बगैर कुछ वार्डों के नलकूप कनेक्शन काट दिए जिससे नलकूप शोपीस बन गए और कुछ इलाकों में बिजली विभाग की कार्यवाही की बजह से जल संकट गहरा गया। मूलभूत सुविधा से नागरिकों को वंचित कर नलकूपों के कनेक्शन लगातार काटने का मन बना चुके विद्युत महकमे के जिम्मेदारों का कहना है कि हमें अगर बसूली नहीं मिलेगी तो हम और भी कड़े कदम उठायेंगे।

हम नियमानुसार रााशि देने को तैयार

नगर पालिका के सीएमओ और एई सचिन चौहान का कहना यह है कि हम नियमानुसार बकाया की राशि देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उपभोक्ता होने के नाते हमारा यह अधिकार है कि हमें जो बिल दिए जा रहे हैं हम उनका अवलोकन कर यह देख सकें की बिल में रीडिंग क्या दर्ज हैं? क्या अनुमानित बिल दिया गया हैं? नगर पालिका द्वारा जो समय-समय बिल राशि जमा की गई हैं क्या बकाया राशि में उसका समायोजन हुआ है! जब तक हम नगर पालिका को बिजली विभाग द्वारा दिए गए बिलों की समीक्षा नहीं कर लेंगे तब तक हम विद्युत विभाग द्वारा दिए गए मनमानी राशि का भुगतान करने को कतई तैयार नहीं होगे।

हम जनता को परेशान नही होने देंगें

सीएमओ शैलेष अवस्थी ने कहा कि हम जनता के कार्य में कोई बाधा बिजली काट देने के कारण नहीं आने देंगे। जरूरत पड़ने पर जनरेटर से काम किया जाएगा। एई सचिन चौहान का कहना है कि आज की बैठक में हमें बिजली विभाग ने बताया कि आप के 664 कनेक्शन हैं जिनका बकाया बिल राशि वसूलने के लिए बिजली काटी जा रही हैं। एई ने कहा कि जब हमने हर कनेक्शन की पास बुक मांगी तो बिजली विभाग ने लाईट काटने जैसी हरकतें शुरू कर दी।

यहां सिद्ध होता हैं यह लुटेरा विभाग है।

जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर पालिका और बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक हुई। नगर पालिका ने विद्युत विभाग को बताया कि आप जो नलकूपों का कनेक्शन काटकर वसूली के लिए दवाब बना रहे हैं उन नलकूपों के बिल की सच्चाई यह है कि शिव मंदिर टॉकीज के सामने स्थिति एक नलकूप की मोटर कई महीनों से खराब हैं ट्यूबवेल बंद हैं इसे चालू करने के लिए ट्यूबवेल के ऊपर से निकली बिजली विभाग की 11 केवी की लाईन को शटडाउन करने के लिए आवेदन किया गया लेकिन आज तक शटडाउन नहीं हुआ हैं यह दस्तावेजी मामला हैं जो यह साबित करता है कि टयूब बैल बंद है।

बिजली विभाग से जो बिल निकलवाए हैं उसमें इस बंद ट्यूबबैल का भी बिल हैं। इस जानकारी से हतप्रभ बिजली विभाग के जिम्मेदारों को बड़ा झटका तब लगा जब उन्हें यह बताया गया कि ठकुरपुरा आदिवासी बस्ती में उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा न करने के कारण बिजली विभाग ने यहां से ट्रांसफार्मर हटा रखा हैं यहां विभाग बिजली सप्लाई नहीं कर रहा हैं, लेकिन आदिवासी बस्ती में नगर पालिका का ट्यूबवेल लगा हुआ हैं उसका बिल लगातार बिजली विभाग दे रहा है। जब यहां ट्रांसफार्मर और लाईट ही नहीं हैं तो फिर बिल किस बात का।

इन तथ्यात्मक जानकारियों और प्रमाणों से विद्युत महकमा सनाके में आकर बैठक में तो कुछ नहीं कर सका लेकिन बाद में पूरी खीज नलकूपों के कनेक्शन काट कर निकाल डाली जिसमें यह भी नहीं देखा गया कि क्या बसूली के लिए नागरिकों को मूल भूत सुविधा से वंचित किया जाना उचित हैं?

इससे पूर्व भी:4-5 करोड़ की बसूली रह गई 93 लाख

मड़ीखेड़ा डेम से पानी ले रही नगर पालिका को पक्का बांध विभाग की ओर से 4-5 करोड़ रुपए का बिल थमा दिया गया वसूली के लिए पक्का बांध भी जब जोर आजमाइश पर उतरा तो विभाग के जिम्मेदारों के साथ नगर पालिका के सीएमओ ओर एई ने बैठक की। बिल की राशि का आंकलन कैसे किया! कैसे यह राशि निकाली गई जब बैठक में इसकी समीक्षा हुई तो जो पक्का बांध पानी का पैसा 4-5 करोड़ दस्तावेज में लेकर चल रहा था।

वह राशि नगर पालिका के प्रस्तुतीकरण और उसमें प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों एवं प्रमाणों से कुल 93 लाख रह गई। नगर पालिका के एई सचिन चौहान ने बताया कि पक्का बांध की ओर से सन् 2017 से पानी का बिल बनाया गया था जब नगर पालिका ने अनुबंध अनुसार मार्च 2020 से पानी लेना शुरू किया है अन्य कई और महत्वपूर्ण तथ्य थे जिन्हें स्वीकार्य कर 93 लाख पर पक्का बांध में सहमति देकर वरिष्ठ कार्यालय को वस्तुस्थिति भेजने की बात स्वीकार की हैं। घरों में नहीं हुई पानी की सप्लाई


10 ट्यूबवेलों के काटे हैं कनेक्शन

विद्युत विभाग ने जिन क्षेत्रों मेें ट्यूबवेलों के कनेक्शन काटे हैं वे हैं- विवेकानंद कॉलोनी, डीजे कोठी के पास, ट्रैक्टर एजेंसी के पास कलारबाग शिवपुरी, सुभाष कॉलोनी में आसमानी माता मंदिर के पास, बैंक कॉलोनी, आईपीएस स्कूल के पास, विकास प्राधिकरण के पास, गोयल मेडिकल के पास गांधी चौक एवं न्यू ब्लॉक में मजेजी ब्रदर्स के पास स्थित ट्यूबवेल शामिल हैं। सुबह जब लोगों ने बोर चाले करने का प्रयास किया तो बिजली कनेक्शन कट जाने के कारण पानी की सप्लाई नहीं हुई। जिससे इस इलाके के लोग पानी के लिए परेशान रहे।

कुल मिलाकर यह लूटेरा विभाग जनता के साथ अब सरकार को भी लूट रहा हैं

कुल मिलाकर जनता का खून चूसने वाला यह बिजली विभाग अब सरकारी विभागों का भी लूटने का विचार कर हैं,लेकिन सीएमओ पूरा हिसाब लेकर अड गए और इस जनरेटर से अपने काम करने की कह रहे है। लेकिन यह बात सिद्ध होती है कि यह लूटेरा विभाग जनता को आंकलित खपत के नाम पर कितना लूटता होगा