शिवपुरी। बीते चार दिन से शिवपुरी में इंदौर पुलिस की धमाचौकडी से शिवपुरी के युवा जो इंदौर में रहते है और इस घटना के आरोपीयों से जुड हुए है उनमें हडकंप मचा हुआ है। इस मामले में बीते तीन दिन पहले इंदौर पुलिस शिवपुरी के मिठाई व्यवसाई सेसई बाले के बेटे को होटल से उठाकर अपने साथ इंदौर ले गई थी। इस मामले का खुलासा आज इंदौर पुलिस ने किया है। इस मामले में पुलिस पहले ही इस गैंग के चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सेक्सटॉर्शन गैंग 30 से 50 साल तक की उम्र के लोगों को अपना टारगेट बनाता था।
आरोपियों ने बताया कि जिस मोबाइल नंबर से लोगों को वीडियो चैट कर ब्लैकमेल करते थे, वह सिम शिवपुरी के निखिल गुप्ता ने उपलब्ध कराई थी। इसकी पूरी ट्रेनिंग भी दी थी। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने शिवपुरी से आरोपी सेतु उर्फ सागर पिता मनोज निवासी और निखिल गुप्ता पिता रामप्रकाश को गिरफ्तार किया है। ये दोंनों आरोपी गूगल ऐप हैंडलिंग एक्सपर्ट हैं। सभी सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने और ऐप के माध्यम से ठगी करने के एक्सपर्ट हैं।
सेतु और निखिल ने पूछताछ में बताया कि एक सिम दो हजार रुपए में देते थे। सेक्सटॉर्शन के लिए लड़की के नाम की जो फर्जी आईडी बनाई जाती, उसे सोशल मीडिया पर प्रमोट करते, ताकि लोग उनके झांसे में आए और संपर्क करें। सिम के लिए ये लोग जरूरतमंद और नशे के आदि लोगों से संपर्क करते। इन्हें रुपए की जरूरत होती है। उसी का फायदा उठाकर उन्हें कुछ पैसे देकर दस्तावेज लेते और उससे नई सिम जारी करवा लेते थे। अब तक वे इस तरह सैकड़ों सिम ले चुके हैं।
स्क्रीन रिकॉर्डर से न्यूड वीडियो बनाते थे
चारों आरोपी पहले सोशल मीडिया पर प्रोफाइल चेक करते थे। वे लड़कों की प्रोफाइल पर जाकर उनकी उम्र, रुचि, पसंद-नापसंद की जानकारी जुटाते। इसके बाद उसे फर्जी लड़की का फोटो लगाकर एक फेक आईडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते। लड़के जैसे ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ये चारों उससे अश्लील चेटिंग शुरू कर देते थे। लड़कों को न्यूड करवाकर उसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए मोबाइल पर वीडियो बना लेते।
वसूली के लिए बन जाते फर्जी पुलिस अधिकारी, FIR की धमकी देते थे
विजय नगर टीआई तहजीब काजी ने बताया कि स्क्रीन रिकॉर्डर से रिकॉर्ड हुए वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे। रुपए देने से मना करने पर वे फर्जी पुलिस अफसर बनकर अलग-अलग नंबरों से फोन लगाते थे। ये सभी लड़कों को FIR दर्ज करने की धमकी देते थे। तब लड़के डरकर चारों आरोपियों के खाते में पैसे जमा करा देते थे। पुलिस अब इन सभी के मोबाइल और बैंक खातों की जांच कर रही है।
चार में से तीन आरोपी दसवीं फेल
चारों आरोपियों में सिर्फ अमन ने बीएससी ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा मोनू, संदीप और सचिन, तीनों आरोपी दसवीं फेल हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वे आईफोन और स्मार्ट फोन से सोशल मीडिया अकाउंट पर नंबरों और रुचि के आधार पर टारगेट करते थे।