शिवपुरी। मेडिकल कॉलेज के पास बनी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तात्याटोपे नगर में रहने वाले 400 परिवारों और हाउसिंग बोर्ड में इन दिनों टकरार का माहौल है। क्योंकि हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को एक साल बाद पेयजल के बिल थमा दिए हैं। किसी को चार हजार तो किसी को छह हजार रुपये का बिल दिया गया है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि हाउसिंग बोर्ड ने अनुबंध किया है कि उपभोक्ताओं से ली गई राशि का एक हिस्सा एकमुश्त बैंक में जमा कर दिया जाएगा।
और उस राशि का जो भी ब्याज आएगा उस ब्याज की राशि से एक साल तक कॉलोनी की साफ-सफाई, मेंटेनेंस व पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। कॉलोनी दिसंबर माह में नगर पालिका को हैंडओवर कर दी गई और उसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी वालों को हजारों रुपये के पानी के बिल थमा दिए हैं जो पूर्णतः गलत हैं।
कॉलोनी वाले हाउसिंग बोर्ड के इस कदम को न सिर्फ मनमानी करार दे रहे हैं बल्कि यहां तक कह रहे हैं कि कहीं न कहीं यह किसी बड़े घोटाले की सुगबुगाहट है। अब सभी कॉलोनीवासियों ने मामले को न्यायालय में ले जाने का मन बना लिया है और इसके लिए वकील हायर कर दस्तावेजी कार्रवाई शुरू कर दी है।
250 रुपये के बिल को बताया ज्यादा
वहीं कुछ कॉलोनी वाले यहां तक कह रहे हैं कि हाउसिंग बोर्ड ने उन्हें जो बिल थमाए हैं वह 250 रुपये महीने हैं, जबकि इतना बिल तो नगर पालिका भी नहीं लेती है। ऐसे में कहीं न कहीं यह उनके साथ जायदती है। अगर हाउसिंग बोर्ड इतना अधिक बिल चार्ज कर रही है तो वह किस नियम के तहत किया जा रहा है, इसकी जानकारी भी जिम्मेदारों द्वारा नहीं दी जा रही है। इस बिल की राशि का अनुबंध की शर्तों में कहीं कोई उल्लेख भी हाउसिंग बोर्ड ने नहीं किया है।
नपा ने भी खड़े किए हाथ
कॉलोनी वालों की मानें तो उन्होंने इस संबंध में नगर पालिका के अधिकारियों से भी बात की थी, परंतु नगर पालिका ने भी इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। उनके अनुसार नपा के अधिकारियों का कहना है कि जब से कॉलोनी उनके हैंड ओवर हुई है वह तब से अपने नियमों के अनुसार चार्ज करेंगे। इससे पहले क्या हुआ इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है।
रजिस्टर्ड करा कर नहीं दी सोसायटी
कॉलोनी की सोसायटी के अध्यक्ष नरेश मिश्रा की मानें तो अनुबंध की शर्तों के अनुसार हाउसिंग बोर्ड को कॉलोनी की एक सोसायटी रजिस्टर्ड कराकर देनी थी परंतु हाउसिंग बोर्ड ने वह सोसायटी रजिस्टर्ड कराकर नहीं दी। जब उन्होंने खुद एक सोसायटी बना ली तो उसे हाउसिंग बोर्ड मान्य नहीं कर रही है।
इसके अलावा कॉलोनी हैंड ओवर करने के मामले में भी हाउसिंग बोर्ड को पहले कॉलोनी सोसायटी को हैंड ओवर करनी थी और अगर सोसायटी इसे लेने से इंकार करती है तो फिर नपा को हैंड ओवर करना था, हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी डायरेक्ट नपा को हैंडओवर कर अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है।
इनका कहना है
हम सभी कॉलोनीवासियों के साथ हाउसिंग बोर्ड ने जो किया है वह अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन है। अगर हाउसिंग बोर्ड के अनुबंध की शर्तों का अवलोकन करें तो एक साल तक पानी का बिल ब्याज की राशि से भरना था। यह बिल गलत हैं, हम सब कॉलोनी वाले इसे लेकर न्यायालय की शरण ले रहे हैं। इसकी तैयारियों कर ली गई हैं।
नरेश मिश्रा, सोसायटी अध्यक्ष