शिवपुरी। मोबाइल पर आया एक कॉल स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही की पोल खोलता है। शिवपुरी प्रशासन कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक अभियान चलाता हैं गाइड लाइन का पालन न करने की कारण दंडित भी करता हैं,लेकिन सरकार का स्वास्थ्य विभाग की अभी तक जागरूक नहीं हुआ हैं। एक शिक्षिका की रिपोर्ट के मामले में जिले के स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर लापरवाही बरती है कोरोना के कारण ही बच्चों को स्कूल से दूर रखा गया, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण एक कोरोना पॉजिटिव शिक्षिका स्कूल बच्चो को पढाने पहुंच गई।
जानकारी के अनुसार 7 फरवरी को एक शिक्षिका द्वारा कराए गए कोरोना सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव बताते हुए 8 फरवरी की रात 8ः14 बजे संदेश उसके मोबाइल पर भेजा गया। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शिक्षिका ने कोविड के नियमों को समाप्त करते हुए अपने घर से दूरी समाप्त कर ली और बच्चों को पढ़ाने स्कूल भी पहुंच गई,और अपने परिवार में भी मिल घुल गई। शिक्षिका को कोरोना के लक्षण थे इस कारण ही वह अपनी जांच कराने गई थी,पिछले कई दिना से शिक्षिका स्कूल भी नहीं गई थी और कोविड के सभी नियमों का पालन भी कर रही थी।
गुरुवार की दोपहर में उसे एक बार फिर कोरोना पॉजिटिव होने के संबंध में फोन से सूचना दी गई। शिक्षिका ने इस फोन पर बताया कि उसे कल नेगेटिव होने संबंधी संदेश आया था, तो पुष्टि के लिए रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। शिक्षिका उसके बाद विहार लौट आई, लेकिन इस लापरवाही ने न जाने कितने लोगों को संक्रमण फैलने की शंका ने जन्म दे दिया है।
पहला नहीं है मामला
यह पहला मामला नहीं है जब स्वास्थ्य महकमे द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती गई है। इससे पहले भी सैंकड़ों लोगों के साथ भी इस तरह की लापरवाही बरती गई है। कई लोगों के तो मरने के बाद तक उनके कोरोना पॉजिटिव या नेगेटिव होने संबंधी संदेश भेजे गए हैं।
इनका कहना है
यह संदेश मेडीकल कॉलेज से भेजे जाते हैं। काम की अधिकता के चलते यह मानवीय भूल हुई है। आगे से ऐसी गलती न हो इस संबंध में एहतियात बरतने संबंधी निर्देश देने के लिए संबंधितों को लिखेंगे।
डॉ.संजय ऋषीश्वर नोडल कोविड अधिकारी