शिवपुरी। राजस्व विभाग में कार्यरत राजस्व निरीक्षकों ने अपनी पदोन्नति संबंधी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन स्थानीय एडीएम उमेश शुक्ला को उनके कार्यालय पहुंचकर दिया। यहां राजस्व निरीक्षक के दल का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष नीतेन्द्र श्रीवास्तव व जिला सचिव धीरज सिंह परिहार ने बताया कि हाल ही में आयुक्त भू-अभिलेख एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त के मर्जर संबंधी प्रेजेंटेशन का प्रदर्शन दोनों कार्यालयों में विभिन्न अधिकारियों की सहमति लेने हेतु किया गया।
जिसके अनुरूप वर्तमान व्यवस्था में एसएलआर के कुल 282 (पदोन्नति हेतु आरक्षित 75 प्रतिशत कुल 212)एवं नायब तहसीलदार के 1242(पदोन्नति हेतु आरक्षित 25 प्रतिशत कुल 311)पद है इस प्रकार राजस्व निरीक्षक से पदोन्नति हेतु कुल 523 पद आरक्षित है। ऐसे में प्रस्तावित मर्जर सेटअप में दी गई व्यवस्था में पदोन्नति हेतु कुल पद 1524 पद का 25 प्रतिशत यानि 381 आरक्षित रखे जाने का प्रावधान किया जा रहा हैं।
जिससे राजस्व निरीक्षक संवर्ग के पदोन्नति हेतु उपलब्ध पदों की भारी हानि हो रही है जो राजस्व निरीक्षक के हितों को सीधा प्रभावित करते हुए हताश करने वाला है। अपने अधिकारों पर हो रहे कुठाराघात को राजस्व निरीक्षक नीतेन्द्र श्रीवास्तव ने गत वर्ष के आंकड़ों के माध्यम से बताया कि वर्ष 2016 से माननीय सर्वोच्च न्याया में प्रकरण लंबित होने से कई राजस्व निरीक्षक ऐसे है जो कि अपनी सेवाकाल में राजस्व निरीक्षक के पद से ही भर्ती होकर राजस्व निरीक्षक के पद से ही सेवानिवृत्त हो गए है
प्रस्तावित सेटअप से प्रदेश में विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ लगभग 1500 राजस्व निरीक्षक के हित सीधे प्रभावित हो रहे है जिसमें वर्तमान में राजस्व निरीक्षकों के कुल स्वीकृत पद 2169 है जो आज दिनांक तक सन् 1995-96 से पदोन्नति ना होने के कारण 27 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत है इस स्थिति को देखते हुए नवीन सेटअप में यदि नायब तहसीलदारों के कुल स्वीकृत पद 1524 में से 75 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति राजस्व निरीक्षकों से की जाए तो 1143 पदों पर पदोन्नति की जा सकती हैं।
अर्थात् 2169 पदों का 75 प्रतिशत की पदोन्नति लगभग 10 वर्षों में होती है तो अगले 10 वर्षों में 30-50 प्रतिशत राजस्व निरीक्षकों को पदोन्नति किया जा सकता है जिससे यदि कोई कर्मचारी राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति होता है या सीधी भर्ती से आता है तो कम से 15 वर्षों में एक प्रमोशन तो मिल सकता है। इस तरह पदोन्नति को लेकर अपनी समस्या को एडीएम के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से बताया और मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए समस्या निराकरण की मांग की गई। यहां ज्ञापन सौंपने वाले राजस्व निरीक्षकों में अनुराधा त्यागी, राजेश वत्स, सरिता भदौरिया, अविनाश सिंघई, लक्ष्मी स्वर्णकार, प्रीति वर्मा, छाया धाकड़, प्रमोद शर्मा आदि शामिल रहे है।