अभिषेक शर्मा शिवपुरी। श्रीरामलला की जन्मस्थली पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भव्य निर्माण शुरू हो चुका है। अब यह अंतर्राष्ट्रीय महत्व की जगह बन चुकी है। यहां बनने जा रहे श्री राम मंदिर के बाद बड़ी संख्या में देश के साथ विदेशी मेहमान भी आएंगे। ऐसे में यहां की सुरक्षा भी अभेद्य होने जा रही है। सरकार को लंबे समय तक विवाद में रही इस नगरी में आतंकी या फिदायीन हमले का डर भी है।
देश के माहौल को बिगाड़ने के लिए आतंकी संगठन यहां फिदायीन हमला करा सकते हैं। ऐसे किसी भी हमले से निपटने के लिए शिव की नगरी कही जाने वाली शिवपुरी में रामलला की सुरक्षा में तैनात होने वाले 51 क्यूएटी कमांडो तैयार किए गए हैं। यह किसी भी तरह की विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम होंगे। इन CRPF के कमांडो को शिवपुरी काउंटर इंसर्जेंसी एंड एंटी टेररिज्म स्कूल (CIAT) में चार हफ्तों का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है।
यह सीआरपीएफ के क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) के सदस्य हैं। इन्हें देशभर के अलग-अलग सीआरपीएफ कैंपस से चुना गया है। अत्याधुनिक प्रशिक्षण के बाद मंगलवार को क्यूएटी कमांडो का दस्ता अयोध्या में तैनात होने के लिए रवाना हो गया है। अयोध्या के लिए अभी यह पहला बैच प्रशिक्षित किया गया है।
24 घंटे रहेंगे तैनात, लेकिन देखेंगे नहीं
यह 51 कमांडो सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे, लेकिन किसी को नजर नहीं आएंगे। इनकी आम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी, बल्कि यह हमेशा भूमिगत या छिपे हुए ही रहेंगे और हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। किसी एजेंसी से खतरे का इनपुट मिलने या किसी तरह के हमले की आशंका के बीच यह बाहर आएंगे और परिस्थितियों से निपटेंगे। किसी विदेशी मेहमान को आतंकी द्वारा अपहृत करने पर उससे निपटने का विशेष प्रशिक्षण भी इसमें शामिल है। इनकी पहचान भी कभी उजागर नहीं की जाएगी।
आधुनिक हथियारों के साथ मानसिक दक्षता की ट्रेनिंग
CIAT के अधिकारियों के अनुसार सभी कमांडो को अत्याधुनिक हथियारों व एक्सप्लोसिव की ट्रेनिंग दी गई है। इनकी ट्रेनिंग अन्य टुकड़ियों से अलग है। अभी CRPF के जो विशेष दस्ते रहते हैं वह छिपे हुए आतंकियों या जंगली क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए ट्रेंड होते हैं। लेकिन यह QAT का दस्ता शहरी क्षेत्र में कठिन ऑपरेशन करने के लिए ट्रेंड किया गया है। इन्हें मानसिक दक्षता की विशेष ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही आत्मघाती हमला, ऊंची इमारत में छिपे आतंकियों को खत्म करना, एयरलिफ्ट ऑपरेशन, कमरे में बंद अपहृतों को छुड़ाना आदि शामिल है। इनकी ट्रेनिंग में सबसे खास बात है कि कम से कम रिस्पांस टाइम में ऑपरेशन को पूरा कर किस तरह सुरक्षित वापस लौटें।
क्या है क्यूएटी..(QAT)
आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए सीआरपीएफ ने विशेष दस्ता क्विक एक्शन टीम तैयार किया है जिसमें करीब 50 कमांडो होते हैं। इसमें शामिल होने वाले कमांडो एमपी-5 सब मशीन गन, स्नाइपर राइफल, लाइट मशीन गन, एके-47-47, कॉर्नर शॉट, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, नाइट विजन गॉगल्स, रडार, इन-वॉल स्कैनर के साथ आधुनिक रोबोटिक हथियारों से लैस होते हैं। इन्हें विशेष ऑपरेशन के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। दिल्ली में भी आतंकी हमलों से निपटने के लिए एक क्यूएटी तैनात की गई है।
इनका कहना है
CIAT में क्विक एक्शन टीम के एक बैच को प्रशिक्षण दिया गया है। यह हर तरह के आधुनिक हथियार चलाने के साथ किसी भी तरह के हमले की परस्थितियों से निपटने में सक्षम होते हैं। टीम अयोध्या में तैनात होने के लिए रवाना हो गई है। आने वाले समय में यहां पर ऐसी और टीमों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
सुरेश यादव, कमांडेंट, CIAT शिवपुरी