कोलारस। कोलारस के सरकारी अस्पताल में अब मरीजों को एंबुलेंस निःशुल्क नहीं मिलेगी। बल्कि इसके लिए उन्हें 400 रुपये का शुल्क का देना होगा। सिर्फ आम मरीजों को ही नहीं, बल्कि अब प्रसूताओं को भी परिवहन के लिए यह शुल्क चुकाना होगा। ग्रामीण अंचल के मरीजों के लिए 400 रुपये कम राशि नहीं होती है। साल साल पुरानी रोगी कल्याण समिति की बैठक के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कोलारस BMO डॉ.अल्का त्रिवेदी ने यह फरमान निकाला है।
21 फरवरी को BMO कोलारस के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलारस में मारूति एंबुलेंस निशुल्क सेवाएं दे रही है। इसमें रोगी कल्याण समिति से वाहन चालक रामजीलाल कुशवाह को कलेक्टर दर पर रखा गया है। उसका मानदेय, एंबुलेंस का रखरखाव व पीओएल पर रोगी कल्याण समिति के मद से राशि व्यय की जा रही है। रोगी कल्याण समिति को किसी प्रकार की कोई आय न होने से अस्पताल प्रबंधन व साफ-सफाई एवं अन्य समस्याएं उत्पन्ना हो जाएगी।
इसलिए अब एंबुलेंस के लिए मरीज परिवहन बीपीएल व एनआरसी में भर्ती बच्चों को छोड़कर शेष सभी से रोगी कल्याण समिति की 400 रुपये की रसीद कटवाई जाए। रसीद कट्टा वाहन चालक के पास रहेगा। वाहन चालक को यह राशि पांच दिन के अंदर रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा करना होगी।
बीएमओ के इस फरमार का असर सामुदायिक केंद्र में आने वाले सभी मरीजों पर पड़ेगा। इसमें सिर्फ एनआरसी में भर्ती बच्चों और बीपीएल कार्ड धारकों को अलग रखा गया है। जबकि प्रसूताओं को यह चार्ज देना होगा। एंबुलेंस का सर्वाधिक उपयोग प्रसूताओं को छोड़ने में किया जाता है। प्रसूताओं को अब घर जाने तक के लिए 400 रुपये देना होगा।
2016 की बैठक के प्रस्ताव को बनाया आधार, कोरोना का हवाला
आदेश में BMO डॉ. त्रिवेदी ने रोगी कल्याण समिति की छह साल पहले हुई बैठक का हवाला दिया गया है। 13 जनवरी 2016 क कार्यकारिणी में प्रस्ताव हुआ था कि एंबुलेंस परिवहन के लिए 400 रुपये शुल्क निर्धारित है।
इसी के आधार पर BMO ने आदेश पारित किया है। बीएमओ ने कोरोना का हवाला देते हुए भी कहा है कि कोविड-19 के कारण परिवहन चार्ज नहीं लिया जा रहा था। अब कोविड-19 समाप्ति की ओर है इसलिए शुलक लिया जाएगा।
अपने ही आदेश से बेखबर BMO, समिति अध्यक्ष एसडीएम को भी नहीं पता
इस आदेश में बारे में मजेदार बात यह है कि जब इस संबंध में कोलारस बीएमओ डॉ. अल्का त्रिवेदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो खबर मुझे नहीं मालूम वह आपको कैसे पता है।
यानी इस तरह से उन्होंने आदेश की जानकारी से ही इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें वॉट्सएप पर आदेश भेजा गया तो उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव है। वहीं रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष एसडीएम ब्रजबिहारी श्रीवास्तव हैं। उन्होंने भी इस तरह के आदेश की जानकारी न होने की बात कही।