शिवपुरी।पिछोर अनुविभाग के ग्राम बरौद निवासी एक ग्रामीण की जमीन अचानक से किसी अन्य ग्रामीण के नाम चढ़ गई है। ग्रामीण का आरोप है कि जब उसने इस संबंध में पटवारी से बात की तो पटवारी ने इसे सही करने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है। पीड़ित ने मामले की शिकयत कलेक्टर को दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार ग्राम बरौद निवासी लालाराम पुत्र गंगाराम जाटव की गांव में सर्वे नंबर 105, 111, 112, 113, 207, 208, 210, 211 की आठ बीघा जमीन है। यह जमीन उसकी पुस्तैनी जमीन है और 28 जनवरी तक रिकॉर्ड में उसके नाम पर ही दर्ज थी, लेकिन अब यह जमीन गांव के कलुआ जाटव के नाम पर दर्ज हो गई है। बकौल लालाराम जब उसने रिकॉर्ड देखा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई और वह दौड़ा-दौड़ा पटवारी उमेश कुशवाह के पास पहुंचा।
उसने पूरा मामला पटवारी को बताया तो पटवारी ने उससे इसे सही करने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की है। पीड़ित ने मामले की शिकायत कलेक्टर को दर्ज कराई है। इस पूरे मामले जब पटवारी का पक्ष जानने के लिए उसे फोन लगाया गया तो उसका कहना था कि उसे मुझसे बात करनी थी और मेरे पास आना था।
अगर उसने शिकायत दर्ज कराई है तो यह उसने गलत कर दिया है। पटवारी का कहना था कि यह आखिर कैसे हुआ है, ये बताने के लिए मुझे बंदोबस्त का पूरा रिकॉर्ड देखना पड़ेगा। विचारणीय पहलू यह है कि जो जमीन कुछ दिन पहले तक किसान के नाम थी उसकी जानकारी देने के लिए सालों पुराना रिकॉर्ड आखिर क्यों देखना पडे?गा।
मैंने किसी को जमीन नहीं बेची
लाला राम का कहना है कि जमीन मेरी पुश्तैनी है और मैंने इस जमीन की कलुआ तो क्या किसी को भी रजिस्ट्री नहीं कराई है। उसके अनुसार इस बात की पुष्टि के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय का रिकॉर्ड भी देखा जा सकता है। लालाराम का आरोप है कि यह जमीन कलुआ के नाम किए जाने में पटवारी की सांठ-गांठ रही है।