संतोष शर्मा @ शिवपुरी। सरकारी मान्यता प्राप्त सरकारी लुटेरे विभाग के कारण अब शिवपुरी शहर के कंठ सूखने लगे है। बिजली के बिल को लेकर आमने सामने आए नगर पालिका और बिजली विभाग के कारण शहर की जनता पीस रही हैं। बिजली कंपनी का आरोप हैं कि नगर पालिका बिजली के पैसे नहीं दे रही तो वही नगर पालिका के जिम्मेदारों का कहना हैं हिसाब नही दे रही है बिजली कंपनी और 15 करोड़ ज्यादा मांग रही हैं
इस हिसाब विवाद के कारण पहले तो बिजली कंपनी ने नगर पालिका शिवपुरी के मुख्यालय की लाइट काट दी उसके बाद शहर के प्यासे कंठो को पानी पिलाने वाले ट्यूबवेल की लाइट काट दी,यहां तक नगर पालिका के टेंकरो को भरने वाले हाईंटेंटो तक की लाईट काट दी। टूयुववेलो की लाईट कट जाने के कारण शहर में पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। बिजली कंपनी की पुरानी और आदत आदत है कि वह मनमर्जी के बिल बनाकर देती है।
बिजली कंपनी 21 करोड़ का बिल नपा को बता रही थी, वहीं नगर पालिका के सीएमओ ने जब आंतरिक मिलान कराया तो बिल महज 3-4 करोड़ के आस पास निकला। विवाद यहीं से शुरू हुआ और दोनों विभागों ने अपने-अपने दावों को सत्य करार दिया।
जनता सामने आई बिजली कंपनी के कर्मचारियों को खदेड़ कर भगाया
नागरिकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा हैं। ऐसा ही एक वाकया वार्ड क्रमांक 4 की हरिजन बस्ती में देखने को मिला। जहां बिजली कर्मचारियों को जनता के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा वहीं पुराने बस्टेण्ड स्थित मुख्य हाईडेंट की भी लाइट काटने से शहर में चलने वाले नपा के टैंकर भी आज नहीं चल सके। जिससे नागरिकों पानी न पहुंचने कारण काफी आक्रोष सामने देखने में आया।
आज हो सकता हैं समाधान,आज होगी बैठक
बिजली कंपनी एवं नगर पालिका के बीच बिलों में राशि को लेकर सामंजस्य न बनने के कारण विवाद की स्थिति बनी हुई है। जहां एक ओर नगर पालिका के सीएमओ शैलेष अवस्थी का कहना हैं कि जनहित को देखते हुए नगर पालिका हमेशा से सहमति बनाने के प्रयास करती रही हैं परन्तु बिजली कंपनी द्वारा बिलों का ब्यौरा न देने के कारण यह स्थिति बनी थी, आज रविवार को 12 बजे बिजली कंपनी के अधिकारी जानकारी लेकर आने वाले हैं।
बैठक के बाद यह उम्मीद है कि सहमति बन जायेगी। जब इस विषय में बिजली कंपनी के डीई नितिन डोंगर से बात की तो उनका कहना है कि हमारी ओर से कल पूरी जानकारी प्रस्तुत कर दी जाएगी, हम भी नहीं चाहते कि यह विवाद लम्बा चले और आम जनता को परेशानी हो।