संजीव जाट बदरवास। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। इस योजना के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो। यह 10 हजार की सम्मान निधि किसानों के खाद पानी बीमारी और अन्य कामों में आती हैं,लेकिन छोटे किसानों को शुरू हुई यह सम्मान निधि बदरवास एवं तहसील में आयकर दाता और सरकारी नौकरी पेशा लोग तक हडप गए और जो किसान इस निधि के पात्र थे वह हाथ मलते रह गए। बताया जा रहा है कि 1 करोड का यह सम्मान निधि घोटाला इन दोनो तहसील में पकड़ में आ गया हैं। अब उन्हें नोटिस जारी कर सम्मान निधि में दिए गई रकम वापसी के नोटिस भी दिए जा रहे हैं।
बदरवास विकासखंड में आने वाले बदरवास एवं रन्नौद तहसील के अंतर्गत आने वाले शासकीय कार्यालयों में पदस्थ आयकर दाता कर्मचारी एवं किसानों के द्वारा पति पत्नी दोनों के नाम पर जमीन होने के कारण उक्त लाभ लेने के लिए दस्तावेज लगाकर लाभ लेना प्रारंभ कर दिया लेकिन उक्त लोग यह भूल गए कि जो भी योजना का लाभ है वह पूरा ऑनलाइन रिकॉर्ड है तो उक्त रिकॉर्ड में किसान सम्मान निधि की पड़ताल हुई तो बदरवास ब्लॉक के बदरवास एवं रन्नौद तहसील के सैकड़ों कर्मचारी उक्त घेरे में आए जिनको सम्मान निधि के रूप बड़ी रकम भेजी जा चुकी है, लेकिन अब उक्त राशि को वापस लेने के लिए नोटिस थमाये जा रहे हैं।
ऐसे हुई चूक
सीधे कंप्यूटर सेंटर में पहुंचकर उक्त किसानों के द्वारा सीधे अपने अपने दस्तावेज फेरबदल कर गलत जानकारी के आधार पर किसान सम्मान सम्मान निधि के लिए लगा दिए गए उसके बाद पटवारियों द्वारा अपने अपने हलके के किसानों के जो भी किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन आये उन आवेदनों पर बगैर जांच और पड़ताल के उनके द्वारा स्वीकृति दे दी गई उसके बाद यह हालात बने।
समग्र आईडी से हुई पकड़
बदरवास एवं रन्नोद तहसील के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों को सम्मान निधि के लिए एक करोड़ से ऊपर राशि नियम विरुद्ध उनके खातों में डाल दी गई। उक्त मामले में किसान सम्मान निधि की दिल्ली में बैठी टीम के द्वारा पड़ताल की गई तो सामने आया कि एक ही समग्र आईडी में जिन लोगों के नाम हैं एक ही परिवार के तीन तीन सदस्यों के खाते में किसान सम्मान निधि की राशि जा रही है इसके अलावा ऐसे बदरवास में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
आयकर विभाग के रिकॉर्ड से हुई पकड़
बदरवास एव रन्नौद तहसील के अंतर्गत आने वाले 200 से ज्यादा शासकीय कर्मचारियों के द्वारा आयकर दाता होने के बावजूद भी नियम विरुद्ध किसान सम्मान निधि का लाभ इनके द्वारा लिया जा रहा था ।इस मामले का खुलासा जब हुआ तब आयकर विभाग के रिकार्ड एवं समग्र आईडी आधार कार्ड का मिलन हुआ तो पूरा खुलासा हुआ जिसमें सभी शासकीय कर्मचारियों को बदरवास तहसील के द्वारा नोटिस थमा दिए गए। नोटिस के माध्यम से शीघ्र ही उक्त कर्मचारियों को किसान सम्मान निधि में मिली राशि वापस करने का फरमान थमा डाला।
जानकारी छिपाकर कराए गए है पंजीयन
जिन लोगों ने पटवारियों से किसान सम्मान निधि के पंजीयन कराए हैं वह निवास तो बदरवास करते हैं लेकिन उनकी जमीन ग्रामीण क्षेत्र में है तो उनके द्वारा उक्त हलके के पटवारी को गलत जानकारी देकर अपना पंजीयन करा दिया गया था इस कारण से यह किसान सम्मान निधि खाते में पहुंची। लेकिन उक्त पूरे मामले की जानकारी लगते ही तत्काल उक्त खातों पर रोक लगा दी गई और सम्मान निधि नही दी जा रही है उक्त सभी से बसूली की जानी है।
यह साक्षात उदाहरण
सीमा बाई सहरिया गुना न्यायालय में पदस्थ हैं,इनके द्धारा किसान सम्मान निधि की राशि ली थी जिसकी रिकबरी हेतु नोटिस नोटिस दिया था एवं इनसे तीन केसों के ₹6000 वापस लिया जाना है।
ललिता चरण धाकड़ शिक्षक इनके द्धारा अपनी जानकारी छिपाकर दस्तावेज दिए थे फिर रिकबरी की जाना है इनके खाते में 3 बार में 6000 रुपये राशि पहुंची है।
ख्यालीचंद वर्मा रिटायर्ड शिक्षक जो कि आयकर दाता है इनके द्वारा किसान सम्मान निधि की 6000 राशि उनके खाते में आई थी जो इन से वापस की जाना है।
गालों बाई धामनटूक कृषक इनके खाते में नियम विरुद्ध राशि चार किस्तों में 8 हजार आई है जो वापस की जाना है। फूलमती पत्नी श्याम बिहारी पूर्व सरपंच धामनटूक,ग्राम धामनटूक के पूर्व सरपंच श्याम बिहारी हैं इनको किसान सम्मान निधि मिलती है इनके द्वारा जानकारी छिपाकर अपनी पत्नी का भी आवेदन दिया और किसान सम्मान निधि का नियम विरुद्ध लाभ लिया जो इनसे राशि वापस ली जानी है इनसे चार किश्तों के 8 हजार रुपये वापस लिया जाना है।
पंचम कुशवाह शासकीय शिक्षक हैं इन्होंने भी इसका लाभ लिया जो राशि मिली है उसे फिर वापस करने का नोटिस आया है।बदरवास तहसील के अंतर्गत जिनको मिला लाभ अब उनसे होनी है रिकवरी अब तहसील कार्यालय नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा हैं।
क्या कहते है जिम्मेदार
मामला जैसे ही में आया तो उक्त मामले की जानकारी खंगाली गई और पड़ताल की गई तो शासकीय कर्मचारी जो आयकर दाता है एवं ऐसे किसान जिनकी समग्र आईडी में तीन नाम है उनके द्वारा खुद एवं पत्नी एवं बच्चों के नाम किसान निधि का लाभ लिया है उक्त किसानों को चिन्हित किया गया है। उनसे राशि वापस हेतु उन्हें नोटिस हमारे द्वारा दिये गए हैं अगर उनके द्वारा उक्त राशि वापस नहीं की जाती है तो उन पर जेल भेजने की कार्यवाही की जाएगी। प्रदीप भार्गव ,तहसीलदार बदरवास