शिवपुरी। कोरोना की एक ही दवा है और वह है वैक्सीन लेकिन आज भी गांवों में वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांति हैं जिसके चलते गांवों में लोग न तो कोरोना की जांच कराने आगे आ रहे हैं और न ही वैक्सीन ही लगवा रहे हैं। खासकर आदिवासी समुदाय के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं जबकि कोरोना से बचाव ही वैक्सीन है।
टीमों पर कर रहे हमला
कोरोना की जांच करने वाली टीमों पर गांव वाले हमला कर रहे हैं। पोहरी के ग्राम टोडा के बाद दुल्हारा में भी गांव वालों ने टीम पर पतथरों से हमला कर दिया था। इतना ही नहीं लोगों में जागरूकता का अभाव भी देखा जा रहा है जिसके चलते कई लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे तक नहीं आ रहे हैं।
वैक्सीन लगवाकर हो रहे बीमार
पोहरी के झिरी के रहने वाले वीरेन्द्र की मानें तो गांव में जिन लोगों को वैक्सीन लगी उनको बुखार आया और वह कई दिनों तक बिस्तर से नहीं उठ सके और उनके इलाज में हजारों रूपए का खर्च भी करना पडा यहीं वजह है कि लोगों में वैक्सीन को लगवाने को लेकर कई तरह की भं्राति है जिससे लोग वैक्सीन लगवाने आगे नहीं आ रहे हैं।
करना होगा लोगों को जागरूक
कोरोना को खौफ लोगों के मन से निकालना होगा और उन्हें बताना होगा कि इसका इलाज वैक्सीन ही है और वैक्सीन लगवाने के बाद वह किसी तरह से बीमार नहीं होंगे जबकि उनका बचाव ही होगा। इसे लेकर गांव के लोगों के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने होंगे। जिससे लोग जागरूक होकर वैक्सीन लगवाएं और अपने जीवन को सुरक्षित करें।