शिवपुरी। शिवपुरी मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजो के इलाज करोन आए अटेंडरो को तंबू में रात गुजारने के लिए मजबूर होना पडता हैं फिलहाल कॉलेज के सामने बने अंबिका कॉलेज में मरीजो के अटेंडरो की रूकने की अस्थाई व्यवस्था की है। लेकिन अब शहर के समाज सेवीयो की मदद से एक कॉलेज के पास खाली पडी जमीन पर रेन बसेरा बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
मीडिया केा इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। जिसे पढ़कर समाजसेवी और भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष हेमंत ओझा ने तय कर लिया कि भले ही अब से 6 महीने पहले अपने पिता की इलाज के दौरान इस परेशानी का वह सामना कर चुके हों, लेकिन अब अन्य अटेंडर को इससे जूझने नहीं देंगे।
उनके खुद के फेरी फाउंडेशन द्वारा वह पिता स्वर्गीय मोतीलाल ओझा की स्मृति में रेन बसेरा बनाएंगे, ताकि किसी भी अटेंडर को खुले में बाहर ना सोना पड़े और उसे रहने की समुचित व्यवस्था बने। इसके साथ ही अटेंडर को रहने प्रतिदिन नि:शुल्क भोजनालय भी वह उस परिसर में चलाएंगे ताकि कोई भी अटेंडर भूखा ना रहे।
डीन ने कहा इस नेक पहल में डेढ लाख रूपए देने को तैयार
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम की मानें तो प्रदेश में ही देख ले तो हर मेडिकल कॉलेज के पास कोई ना कोई रेन बसेरा बना हुआ है। नगरीय निकाय इसके लिए पहल कर सकती है। हमने कुछ एनजीओ से बात की थी, लेकिन उनका सकारात्मक रुख नहीं दिखा।
हमारे पास अभी हेमंत जी का फोन आया कि वह आपकी खबर पढ़ने के बाद खाली पड़ी जगह पर अपनी ओर से रेन बसेरा बनाना चाहते हैं। इस नेक कार्य में मैं भी अंशदान के रूप में डेढ़ लाख रुपए अपनी तरफ से दे सकता हूं। लेकिन चाहता हूं कि यहां स्थायी रैन बसेरा बन जाए।
कलेक्टर ने कहा कि प्रस्ताव राज्य शासन लिए भेजेंगे
समाजसेवी यदि यहां सहयोग करेंगे तो यह बेहतर पहल कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि एक-दो दिन में राज्य शासन को वह मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने खाली पड़ी जगह पर नगरीय निकाय द्वारा रेन बसेरा बनाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजेंगे। इस रैन बसेरा को बनाने के लिए यदि समाजसेवी आगे आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।