करैरा। खबर जिले के करैरा थाने से आ रही है कि लुटेरे ने पुलिस वाले बनकर पोहरी के एक युवक से पूछताछ के बहाने उसके साथ लूट की घटना का अंजाम दे दिया। युवक ने इस मामले की शिकायत नही की। लेकिन करैरा टीआई को इसक मामले की जानकारी मिलते ही युवक से पूछताछ कर घटना को अंजाम देने वाले लूटेरो को पकड लिया।
जानकारी के अनुसार दीपक कुशवाह निवासी पोहरी 15 मई को दतिया से किसी ट्रक में दिनारा तक पहुंचा। दिनारा से टैंपो में करैरा तक के लिए बैठा। करैरा से पहले टीला तिराहे पर टैंपो से उतर गया। तिराहे पर दूसरे साधन के इंतजार में खड़ा था, इसी दौरान बाइक से दो युवक आए। बाइक रोककर दीपक से पूछने लगे कि कोरोना कर्फ्यू लगा है, बाहर कैसे घूम रहे हो। युवकों ने कहा हम करैरा थाने के पुलिसकर्मी हैं।
एक युवक मिलिटरी कलर का पजामा पहने हुए था, इसलिए दीपक को भी लगा कि यह पुलिसकर्मी हैं। दोनों ने दीपक की तलाशी ली तो 3 हजार रुपए नगद व मोबाइल मिला। फिर धमकी देने लगे कि होशियारी दिखाई तो कट्टा रखकर थाने में बंद कर देंगे। दीपक डर गया और शांत रहा। इसके बाद किसी तरह पोहरी आ गया।
पोहरी पहुंचने के बाद दीपक ने अपने परिचितों से पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। करैरा थाना पुलिस की छवि इससे धूमिल हुई। पोहरी का एक व्यक्ति करैरा टीआई का परिचित था, तुरंत टीआई अमित भदौरिया को बताया। टीआई ने दीपक कुशवाह को करैरा थाने बुलवाया। दीपक अपने चाचा के साथ सोमवार को करैरा थाने पहुंचा।
लूट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर हुलिए के आधार पर खोजबीन शुरू कर दी। इस बीच मिलिटरी कलर का पजामा पहनने वाले ओम परिहार के बारे में पता चला। उसे गल्ला मंडी करैरा के सामने पकड़ा तो उसके कब्जे से दीपक का मोबाइल बरामद हो गया। उसने बताया कि धर्मेंद्र विश्वकर्मा के साथ उसने लूट की थी। पुलिस ने धर्मेंद्र से 1500 रुपए जब्त किए।