संजय चिड़ार शिवपुरी/कोलारस क्षेत्र के दुकानदार लॉकडाउन में लोगों अधिक कीमत पर सामान बेच रहे हैं। तो किसान सब्जी खराब होने से डर से औने- पौने भाव में सब्जियां खपा रहे हैं । बाजार बंद होने के कारण किसानों द्वारा सब्जी की फसल पर किए गए खर्च की राशि तक नहीं निकल पा रही है। वहीं दूसरी तरफ दुकानदार माल की शार्टेज बता कर लोगों को लूट रहे हैं। इनकी करतूतों की खबर जिम्मेदार अफसरों को होने के बावजूद उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं।
वतमान में आलू और प्याज 25-30 रुपए किलो तो तेल 160 से 170 लीटर बेचा जा रहा हैं। लॉकडाउन के पहले आलू और प्याज की कीमत महज 10 से 15 रुपए थी। वहीं तेल प्रति लीटर 145 रुपए तक बिक रहा था । इसके अलावा अन्य सूखा राशन पर भी स्थानीय व्यवसायी ग्राहकों से डेढ़ गुना पैसे ले रहें हैं।
चना,मटर और अरहर दाल की कीमतों में भी 10 से 15 रुपए बढ़ोतरी के साथ ग्राहकों को बेचा जा रहा है । दूसरी तरफ स्थानीय सब्जी उत्पादक किसानों को स्थानीय खेरीज व थोक बाजार बंद होने के कारण सब्जियां खराब हो रही हैं। किसान लोगों को खेत से ही औने-पौने भाव में ताजी सब्जियां बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिक समय में सब्जियां बाड़ी में लगे रहने से खराब हो रही हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।
बीते साल से बेहतर आय की थी उम्मीद
किसानों ने बताया कि बीते वर्ष भी लॉकडाउन के कारण उन्हें नुकसान हुआ था,लेकिन सीमित समय के लिए बाजार खुलने से फसल पर की गई खर्च किसी तरह उन्होंने निकाल लिया। इस बार किसानों बेहतर व्यवसाय की उम्मीद पर ज्यादा सब्जियां लगाई है,लेकिन अचानक कोरोना संक्रमण बढ़ने से सख्त लॉकडाउन में सब्जी की मांग पूरी तरह ठप होने से ज्यादा नुकसान हो रहा हैं। किसान फसल खेतों में ही खराब हो रही हैं। लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा हैं।