कोलारस। जिले के कोलारस अनुविभाग में इन दिनों कोरोना संक्रमण के साथ ही मोतीझरा (टायफाइड) भी कहर बरपा रहा है। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ऐसी हैं कि सर्दी-खांसी, बुखार के मरीजों का तांता लगा हुआ है । न लोग टेस्ट करा रहे और न ही इलाज, ऐसे में क्षेत्र के टाइफाइड के मरीज भगवान भरोसे ही हैं।
इस तरह उपचार न मिल पाने और संक्रमण के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर टाइफाइड भी तेजी से फैल रहा है। दोनों बीमारियों के लक्षण एक समान होने के कारण रोगी भी असमंजस में हैं और कोरोना के इलाज में देरी कर रहे हैं।
कोविड संक्रमण के 100 में से 30 मामलों में टाइफाइड भी पॉजिटिव आ रहा है। ऐसे में अब डॉक्टर कोरोना के साथ मलेरिया, टाइफाइड की जांचें मोतीझरा भी करा रहे हैं। बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे है। बीमार इसे मोतीझरा (टायफाइड)समझकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं तो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए
मरीज जादू-टोने किए जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसका इलाज कराने के बजाए झाड़-फूंक पर अधिक ध्यान संक्रमण दे रहे हैं। ऐसे में मरीजों की हालत सुधरने की जगह और अधिक बिगड़ रही है। इस तरह समय रहते उन्हें उचित उपचार न मिल पाने के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
डॉक्टर बोले कोरोना की जांच अवश्य कराएं
क्षेत्र में कई रोगियों को पहले टाइफाइड के लक्षण पाए गए। जब डॉक्टरों ने कोरोना की भी जांच कराने के लिए कहा तो दोनों रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कोरोना के लक्षणों को दूसरी बीमारी के लक्षण समझकर रोगी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और फिर देरी के कारण संक्रमण फेफड़ों में पहुंच रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलारस के डॉक्टर विवेक शर्मा कहते हैं कि जिनकी टाइफाइड रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। उनसे मेरा कहना है कि कोरोना की जांच अवश्य कराएं।