धमेन्द्र शर्मा पोहरी। जिले में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी हैं दूसरे शब्दो में कहे तो मेडिकल ईमरजैंसी हैं इस समय हर जिले के हर नागरिक को स्वास्थय सुविधाए चाहिए। 6 माह पूर्व पोहरी के मिनी अस्पताल का पोहरी विधायक और राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा ने फीता काटा था और इसे पोहरी के विकास का प्रतीक बताया था लेकिन अब यह विकास का प्रतीक के दरवाजे पर ताला जडा हैं और यह पोहरी के नागरिको का मुंह चिढा रहा हैं।
कोरोना काल में कोरोना के संक्रमण के साथ साथ वायरल भी लोगो को अपना शिकार कर रहा हैं,इस समय स्वास्थय सुविधाए बेहत्तर से बेहत्तर होनी चाहिए लेकिन पोहरी के अस्तपाल में ईलाज का अपहरण हो चुका हैंं,डॉक्टर लापता हो चुके हैं। इस कारण लोगो की मजबूरी बन गई हैं झोला छाप डॉक्टरो से ईलाज कराने की।
माफ करना शब्द कडे हो सकते हैं लेकिन लिखने पडेंगें,मंत्री जो को बंगाल की चिंता हैं,इसलिए धरने पर बैठ गए,लेकिन अपने विधानसभा के नागरिको की नही,अगर इस अस्पताल की पोहरी को आवश्यकता नही थी तो फिर बडे ही आन बान शान से फीता क्यो काटा यह सबसे बडा सवाल हैं। मंत्री जी का निवास स्थान पोहरी में ही हैं,ऐसा नही है कि उन्है इस अस्तपाल के विषय में जानकारी नही होगी,लेकिन भाजपा और भाजपा के मंत्री ओर कार्यकर्ता काम मे नही काम का ढिंढोरा और फोटो सेशन पर ज्यादा विश्वास करते हैं।
मंत्री रांठखेडा ने किया था उदघाटन
पोहरी के इस मिनी अस्पताल का उदघाटन राज्यमंऋी सुरेश रांठखेडा ने किया था लेकिन उदघाटन के चंद दिनों तक तो यहां मरीज भी आए और डॉक्टरों ने उनका उपचार भी किया लेकिन उसके बाद यहां नजर आने लगे तो सिर्फ ताले। डॉक्टर तो यहां से नदारद ही मिले।
स्वास्थ्य सेवाएं मिले इसलिए खोला था
लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके और वह बिना किसी परेशानी के अपना उपचार करा सके इसके लिए यह मिनी अस्पताल खोला गया था लेकिन आदिवासी बाहुल्य और पिछडे इलाके में शुमार पोहरी में स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिल पाना एक सपने जैसा साबित हो रहा है।
आसपास के इलाको से आते थे मरीज
मिनी अस्पताल खुल जाने से लोगों को आशा थी कि यहां डॉक्टर बैठेंगे और वे अपना उपचार करा सकेंगे लेकिन एक माह तक तो उपचार भी हुआ और दवा भी मिली लेकिन उसके बाद यहां ताले झूलना शुरू हो गए। नतीजे में आसपास के गावों से आने वाले लोगों को मजबूरी में झोलाछापों के यहां इलाज कराने जाना पडता है।
कोरोना और स्टाफ की कमी का रोना
स्वास्थ्य विभाग हर बार कोरोना और स्टाफ की कमी का रोना रो रहा है। ऐसा ही हाल अब भी है जब पोहरी के अस्पताल को लेकर लोगों का कहना है कि इसकी शिकायत उन्होंने कई बार अधिकारियों से की लेकिन वह कोरोना और स्टाफ की कमी का रोना रोते रहते हैं।
भाजपा का कोरा ढिंढोरा
कांग्रेस नेता नौशाद अंसारी का कहना है कि भाजपा के लोग स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने का कोरा ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल ही नहीं रही है। खुद अंसारी अपने चाचा को दिखाने आए थे लेकिन उन्हें ही उपचार तक नसीब नहीं हो सका। उनका कहना है कि मंऋी होने के बावजूद मंऋी के इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं का यह हाल है तो अन्य इलाकों में क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।