शिवपुरी। वर्तमान समय मे संविदा स्वास्थय कर्मियो ने अपनी मांगो को लेकर हडताल पर चले गए हैं। इससे स्वास्थय सेवाए चरमरा गई है। इनको हडताल पर जाते देखे कोविड अस्थायी कर्मियो ने सीएमएचओ से हडताल पर करने की बात कहा,सीएमएचओ ने कहा कि नौकरी से बर्खास्त समझो।
यह कहा अस्थायी कर्मियो ने सीएमएचओ ने
सर, 1 साल में हमें दो बार नौकरी से हटाया गया और फिर काम पर ले लिया गया। ऐसा कब तक चलता रहेगा। हम जब योग्य हैं, सेवाएं दे रहे हैं, फिर इन्हीं पद पर भर्ती क्यों निकाली जा रही है। हमें ही नियमित क्यों नहीं कर देते।
यह बात जब सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा से कोविड सेवा में लगे अस्थायी कर्मियों ने कही तो उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार कर कहा कि आप की नियुक्ति 30 जून तक है, यदि अभी नौकरी छोड़ने की धमकी दोगे तो बर्खास्त कर दूंगा।आप लोग काम करिए, शासन जो निर्देश देगा वह सब पर लागू होगा।
24 मई से संविदा कर्मी हडताल पर
24 मई से संविदा पर नियुक्त 350 स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा काम बंद हड़ताल की जा रही है। इन स्वास्थ्य कर्मियों की मांग है कि सन 2018 में जब निर्णय ले लिया गया था कि नियमित कर्मचारियों के समान वेतन का 90 फीसदी मानदेय संविदा कर्मियों को दिया जाएगा।जिनमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य पद शामिल हैं। इसके बावजूद पुलिस और अन्य विभागों में तो यह प्रक्रिया लागू हो गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रक्रिया को लागू नहीं किया।
जिससे पूर्व निर्धारित मानदेय के आधार पर ही संविदा स्वास्थ्य कर्मी काम कर रहे हैं। चूंकि अभी कोरोना संक्रमण जारी है और जिले में विभिन्न काम के लिए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है। ऐसे समय में हड़ताल करके संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगें मनवाने का प्रयास किया है। हालांकि इस संबंध में 2 दिन से कोई निर्णय नहीं हुआ, लेकिन इनके हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य विभाग के बहुत से काम ठप पड़ते नजर आ रहे हैं।
कोविड अस्थायी कर्मियो का काला पट्टी बांधकर विरोध शुरू
दरअसल जब संविदा कर्मियों की हड़ताल शुरू हुई तो अस्थायी रूप से नियुक्त किए गए कोविड स्वास्थ्य कर्मियों की उम्मीद भी जगी। वह इसलिए क्योंकि इन सब का काम करने का अल्टीमेटम 30 जून तक का है। 30 जून के बाद इनकी नौकरी रहेगी या नहीं यह सरकार पर निर्भर है।
अभी सरकार ने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है, इसलिए 125 पैरामेडिकल स्टाफ और 25 के करीब अस्थायी संविदा पर नियुक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की नौकरी खतरे में आ गई है। ऐसे में परेशानी से बचने के लिए कोविड अस्थायी कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया, लेकिन वह सामूहिक निर्णय नहीं ले पाए। जिससे वह अब एक-दो दिन में बैठक आयोजित कर आगे का निर्णय लेंगे।
हमारी हड़ताल जारी रहेगी
2018 में जो नियम शासन ने बनाया था उस हिसाब से अन्य विभागों की तरह स्वास्थ्य विभाग में भी संविदा कर्मियों को वेतन दिया जाए। यदि मांग पूरी नहीं होती तो हमारी हड़ताल जारी रहेगी।
विवेक पचौरी,अध्यक्ष संविदा स्वास्थ्य संघ शिवपुरी
स्थायी पद पर नियुक्ति हो
जब हम पूरी तरह से दक्ष हैं। कोविड का काम कर रहे हैं। ऐसे में हमारी मांग है कि हमें स्थायी पद पर नियुक्ति दे दी जाए।
डॉ. आशीष त्रिपाठी, कोविड अस्थायी कर्मचारी संघ, शिवपुरी
30 जून तक देखते हैं
हमने साफ कह दिया आप काम करते रहिए, अभी 30 जून तक का समय है। यदि काम पर नहीं आते हैं तो फिर अपनी सेवा को बर्खास्त समझ लें। 30 जून तक देखते हैं, शासन के क्या निर्देश आते हैं।
डॉ.एएल शर्मा,सीएमएचओ जिला चिकित्सालय शिवपुरी
80 फीसदी स्वास्थ्य सेवा होंगी प्रभावित
संविदा स्वास्थ्य संघ और कोविड अस्थायी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पूरे जिले में सरकार द्वारा महज 20 फीसदी पद भरे गए हैं। शेष 80 फ़ीसदी पद पर संविदा या अस्थायी कर्मियों से काम लिया जा रहा है। ऐसे में यदि 30 जून के बाद इनकी सेवाएं बंद होती हैं तो फिर जिले की स्वास्थ्य सुविधा प्रभावित होती नजर आएगी।