शिवपुरी। त्रेता युग में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का जन्म नवमी के दिन धरती पर हुआ। उन्हें विष्णु के 21वें अवतार के रूप में पूजा जाता है। आज रामनवमी पर भगवान राम की आराधना की जाती है। आज ही के दिन मां सिद्धिदात्री की भी पूजा करने का विधान है और आज ही के दिन नवरात्रि का समापन होता है।
मान्यता है कि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ती होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था और इस शरीर के कारण ही उन्हें अर्दधनारीश्वर भी कहा जाता है।
लॉकडाउन के कारण मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण रामनवमी को लोगों ने घरों पर ही मनाया और अपने आराध्य देव भगवान श्रीराम के साथ मां सिद्धिदात्री की आराधना की।
लॉकडाउन के कारण नहीं निकल सकी रैली
रामनवमी पर हिंदू संगठनों द्वारा प्रतिवर्ष भव्य रैली निकाली जाती थी। जिसमें भगवान राम की प्रतिमा के साथ-साथ झांकियां भी शामिल होती थी। लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगा होने के कारण यह रैली नहीं निकाली गई और न ही कोई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
आज नवरात्रि का समापन भी है और अष्टमी और नवमी को घर-घर पूजन होने के साथ-साथ मंदिरों पर भी काफी भीड़ देखी जाती थी। शहर के राजेश्वरी मंदिर और काली माता मंदिर पर मेलों का आयोजन होता था, जो इस बार लॉकडाउन के कारण नहीं हो सका।
यहां तक कि शहर से दूर भयावन जंगल में मां बलारी का मेला भी लॉकडाउन के कारण स्थगित करना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी लोगों की आस्था कम नहीं हुई और घरों पर ही रहकर लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ सभी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण किए।