शिवपुरी। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से परेशान भारत में आम आदमी को जीवनरक्षक दवाएं और सहायक उपकरण सस्ते दाम पर मिले इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिसनर शिवपुरी के युवा वकील निपुण सक्सेना ने याचिका दाखिल की है।
श्री सक्सेना ने तत्काल जीएसटी कौंसिल की बैठक बुलाकर दवा और उपकरणों पर लगने वाले 12 से 28 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को खत्म करने की मांग की है। याचिका पर आज शुक्रवार 30 अप्रैल को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़,जस्टिस एल नागेश्वर और रविन्द्र भट्ट की पीठ में शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई होगी।
एडवोकेट निपुण सक्सेना के अनुसार कोरोना महामारी ने भारत में अभूतपूर्व आपदा के हालात निर्मित कर दिए है लोग रेमेडीसीबीयर इंजेक्शन, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर, एम्बुलेंस और अन्य सहायक दवा उपकरणों के लिए तरस रहे है इसलिए राष्ट्रीय हित मे यह अत्यावश्यक है कि इन सभी जीवन रक्षक वस्तुओं को करारोपण से बाहर कर दिया जाए।
जो वर्तमान में 12 से 28 प्रतिशत के अलग अलग जीएसटी स्लैब के दायरे में है। इस टैक्स के चलते आम आदमी तक इनकी उपलब्धता कठिन हो गई है। श्री सक्सेना ने बताया कि जीएसटी कौंसिल सेक्शन 11 के अंतर्गत इस महामारी अवधि में इन सभी वस्तुओं को टैक्स फ्री कर सकती है।
उन्होनें बताया कि पिछले वर्ष अक्टुबर से अभी तक कौंसिल की बैठक नही हुई है।आश्चर्यजनक है कि किसी राज्य सरकार की तरफ से भी उक्त आशय की पहल नही की गई इसलिए मजबूर होकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी है।
उल्लेखनीय है कि शिवपुरी के निपुण सक्सेना इससे पूर्व भी तमाम राष्ट्रीय महत्व के मामलों में याचिका दाखिल कर सरकारों को दिशा निर्देश जारी करा चुके है। श्री सक्सेना ने भरोसा जताया कि उनकी याचिका पर जस्टिस चन्द्रचूड़ की बेंच नागरिक हित मे निर्देश जारी करेगी।