शिवपुरी। प्रदेश के नंबर 1 अस्पतालों में शुमार जिले का जिला अस्पताल इन दिनों सुअरों के तबेले में तब्दील हो गया है। अस्पताल परिसर में सुअर विचरण करते देखे जा सकते हैं। कोरोना महामारी का दौर है ऐसे में अस्पताल की साफ सफाई आवश्यक है लेकिन यहां तो सुअरों ने अपना डेरा डालकर जिला अस्पताल को ही अपना तबेला बना लिया है।
सुरक्षा पर हर माह लाखों खर्च फिर भी सुअर और कुत्ते घूमते
सुरक्षा पर हर माह लाखो रूपए खर्च करने के बाद भी जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं वेंटीलेटर पर हैं और यहां जब तब सुअर और कुत्ते परिसर के अलावा वार्ड तक में भ्रमण करते देखे जा सकते हैं।
डॉक्टर के इंतजार में मरीज
जिला अस्पताल को यदि 0 का दर्जा दिया तो वह भी कम होगा क्योंकि यहां मरीजों को उपचार तक नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में अल्ट्रा साउंड कराने आए ग्रीस कुलश्रेष्ठ का कहना है कि वह कई घंटों से डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं लेकिन डॉक्टर है कि वह कक्षों में आते ही नहीं हैं।
बिना उपचार वापस लौटे मरीज
कई मरीज तो ऐसे थे जिन्हें परेशानी का सामना करना पड रहा था किसी को बुखार था तो किसी को जुकाम और खांसी लेकिन मरीजों को उपचार करने वाले डॉक्टर ही नहीं मिले तो वह बिना उपचार कराए वापस लौटे।
चला रहे क्लीनिक
डॉक्टर जिला अस्पताल में पदस्थ् तो हैं लेकिन वेतन के लिए। वह तो अपने अपने क्लीनिक खोलकर बैठ गए हैं और हर माह लाखों रूपए कमा रहे हैं उन्हें तो मरीज अस्पताल में नहीं अपने क्लीनिक पर देखना हैं।